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गोरखपुर के टेरीकोटा को मिला GI Tag, CM योगी आदित्यनाथ ने दी बधाई | gorakhpur – News in Hindi

गोरखपुर के टेरीकोटा को मिला GI Tag, CM योगी ने कहा-अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली

गोरखपुर का पहला उत्पाद जीआई पंजीकृत हुआ है

गोरखपुर (Gorakhpur) के टेराकोटा क्राफ्ट को जीआई (GI Taging) पंजीकरण मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बधाई दी है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे इस अनूठे उत्पाद को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी.

गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) के टेराकोटा क्राफ्ट को जीआई (GI Taging) पंजीकरण मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बधाई दी है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे इस अनूठे उत्पाद को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी. इसके साथ ही यह देश की बौद्धिक संपदा अधिकार में शुमार हो गया है. इस विश्व प्रसिद्ध शिल्प का जीआई पंजीकरण संख्या 619 के साथ क्लास 21 के अन्तर्गत पंजीकृत है.

टेरीकोटा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में सीएम की भूमिका

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जब उन्होंने एक जिला एक उत्पाद की शुरुआत की थी तो गोरखपुर से टेराकोटा को ही लिया था. 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से सीएम योगी लगातार टेरी कोटा को वैश्विक पहचान दिलाने में जुटे रहे टेरी कोटा को सबसे अधिक बनाने वाले औरंगाबाद गांव हो या फिर गोरखपुर के अन्य कस्बे वहां की कुम्हारों को नाबार्ड द्वारा विशेष सहयोग दिया गया. मुख्यमंत्री के निर्देश पर लगातार ट्रेनिंग दी गई जिसका नतीजा यह है कि गोरखपुर का टेराकोटा ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी भेजा जाने लगा.

गोरखपुर का पहला उत्पाद जीआई पंजीकृत हुआमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद का यह प्रथम जीआई पंजीकृत उत्पाद है. गोरखपुर में बने टेरीकोटा के उत्पाद को ही गोरखपुर के नाम से बेचा जा सकता है किसी अन्य जिले में बने कलाकृति को गोरखपुर के नाम से नहीं बेचा जा सकता है.

लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद मिला यह दर्जा

सैकड़ों साल पुराने विश्व प्रसिद्ध हस्त शिल्प गोरखपुर के टेराकोटा को कानूनी रूप से नई पहचान मिल गई है. जी आई टैगिंक की लंबी कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए टेराकोटा को यह दर्जा मिला है. जीआई हासिल करने के लिए करीब 2 साल पहले सितंबर 2018 में नाबार्ड के सहयोग से और ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन के दिशा निर्देश में काम शुरू हुआ. जिला उद्योग केंद्र के जागरूकता के साथ ही संस्था लक्ष्मी टेराकोटा मूर्ति कला केंद्र औरंगाबाद गुलरिया गोरखपुर के आवेदन के साथ शुरूआत की गई.

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First published: May 3, 2020, 1:41 PM IST



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