पार्षद निधि से कोविड उपकरण की अनुमति देने की मांग, Demand to allow Covid Equipment from Councilor Fund

रेमडीसीवर के प्रति जनता को जागरूक करें चिकित्सक: वोरा
दुर्ग / वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने दुर्ग निगम के पार्षदों के आग्रह पर नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया से चर्चा कर मांग किया कि पार्षद निधि द्वारा भी कोरोना आपदा से निपटने ऑक्सीजन सिलिंडर व अन्य उपकरण खरीदी की अनुमति प्रदान करें जिस पर निकाय मंत्री ने जल्द अनुमति देने आश्वस्त किया है। 13 दिन के लॉक डाउन के बाद भी संक्रमितों के संख्या जिले में लगातार बढ़ रही है। प्रशासन के अथक प्रयासों के बाद भी आम जनों के भटकाव की स्थिति थमती नजर नहीं आ रही है विशेष तौर पर अचानक से मांग में आई रेमडीसीवर इंजेक्शन के लिए लोग जगह जगह चक्कर काट रहे हैं। जिसे लेकर भी वोरा ने राज्य के ड्रग कंट्रोलर केडी कुंजाम से दूरभाष पर चर्चा कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। कुंजाम ने बताया कि राज्य में सप्लाई मांग के अनुरूप मंगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। रेमडीसीवर दवा की देश भर से मांग आने के कारण दिक्कतें आ रही हैं। गंभीर मरीजों को अत्यावश्यक होने पर ही डॉक्टरी सलाह पर रेमडीसीवर दिया जाता है। विधायक वोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के मार्गदर्शन में प्रदेश बाकी प्रदेशों से बेहतर स्थिति में है लगातार ऑक्सीजन बेड एवं आईसीयू के साथ वेन्टीलेटर्स में भी वृद्धि की जा रही है। पैरामेडिकल स्टाफ एवं डॉक्टरों की भर्ती कर अस्पतालों की क्षमता में विस्तार किया जा रहा है। देश भर में उत्पन्न संकट के बीच राज्य की वैक्सीनेशन एवं जांच दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। किंतु भटकाव की स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सकों को भी वीडियो संदेश, सोशल मीडिया अथवा अखबारों के माध्यम से कोरोना अप्रोप्रिएट बिहेवियर, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग व रेमडीसीवर इंजेक्शन के प्रति जनता को जागरूक करने एवं वास्तविक आवश्यकता समझाने की जरूरत है साथ ही प्रशासन को नियंत्रण बढ़ाने की आवश्यकता है शासकीय एवं निजी अस्पतालों से मरीजों के नाम पर आवश्यकता के अनुरूप आधार कार्ड एवं पॉजिटिव रिपोर्ट के साथ मांग आने पर उनके नाम पर ही वॉयल जारी किया जाए एवं परिजनों अथवा मरीजों से इंजेक्शन लगाए जाने की पुष्टि कराई जाए। साथ ही अस्पतालों में भेजे गए इंजेक्शन की मात्रा को पारदर्शी रखा जाए। इस तरह की त्रिस्तरीय ऑडिट की व्यवस्था से ना सिर्फ वास्तविक जरूरतमंद मरीज को समय पर दवा मिल सकेगी बल्कि भटकाव की परिस्थिति एवं कालाबाजारी पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा। उन्होंने लक्षण आने पर रिपोर्ट का इन्तेजार किए बिना रोगनिरोधी किट तत्काल देने के फैसले के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है। साथ ही कलेक्टर से डीएमएफ फंड की राशि का उपयोग कर जिला अस्पताल में ऑक्सीजन बेड, ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर मशीन व आईसीयू बेड बढ़ाने व विधायक निधि से कोरोना नियंत्रण हेतु उपकरण की खरीदी हेतु स्वीकृत राशि तत्काल जारी करने को कहा।