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उदयपुर में रोजा तोड़कर इस शख्स ने बचाई कोरोना मरीजों की जान, जानें पूरा मामला Breaking Roza in Udaipur, this person saved the lives of Corona patients, know the whole matter

कहते हैं कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं. इसी बात को साबित कर दिखाया है उदयपुर में एक युवा ने. दरअसल, शहर के निजी हॉस्पिटल में भर्ती दो महिला मरीजों को ए-पॉजिटिव ग्रुप के प्लाज्मा की जरूरत थी. परिजनों ने इसके लिए रक्तदान करने वाली सामाजिक संस्था से बात की. संस्था ने इस बारे में जब 17 बार रक्तदान कर चुके अकील मंसूरी से बात की तो वे तुरंत तैयार हो गए. रमजान के पाक महीने में अकील मंसूरी नाम के युवा ने कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाने के लिए अपना रोजा तोड़ दिया और प्लाज्मा का दान किया.

उदयसागर निवासी प्लाज्मा दान करने वाले अकील मंसूरी ने कहा कि इंसानियत सबसे बड़ा मजहब है. यह अल्लाह की इबादत है. उन्होंने बताया कि जैसे ही उन्हें महिला मरीजों के ऑक्सीजन पर होने और प्लाज्मा की जरूरत की बात पता चली, वे तुरंत हॉस्पिटल पहुंचे. अस्पताल के डॉक्टरों ने अकील की जांच की और अकील से कहा कि भूखे पेट प्लाज्मा दान नहीं किया जा सकता. इस पर इंसानियत का धर्म निभाते हुए अकील मंसूरी ने अस्पताल में ही अपना रोजा तोड़ा और प्लाज्मा दान किया. अकील मंसूरी के रोजा तोड़कर प्लाज्मा दान करने की यह खबर सोशल मीडिया में वायरल हो गई. सोशल मीडिया यूजर्स अकील के इस नेक काम की खुलकर तारीफ कर रहे हैं.

 

अकील मंसूरी ने बताया कि वे उदयपुर में जरूरतमंदों को ब्लड पहुंचाने वाली संस्था रक्त युवा वाहिनी से जुड़े हैं. इससे पहले 17 बार रक्तदान कर चुके हैं. इसी क्रम में प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला मरीजों की जानकारी मिलने के बाद अकील ने प्लाज्मा दान करने का फैसला किया. अकील ने बताया कि उन्हें भी कोरोना संक्रमण हुआ था. इसलिए जब उनके सामने यह मामला आया तो उन्होंने मानवता का धर्म निभाते हुए संक्रमित मरीजों को प्लाज्मा दान का फैसला किया

 

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