छत्तीसगढ़

चिंता Concern: Said- Protocol of treatment in other Korena strains is not fixed, hence more fatal:कहा- दूसरे कोराेना स्ट्रेन में इलाज का प्रोटोकाल तय नहीं, इसलिए ज्यादा घातक

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कोराेना वायरस का दूसरा स्ट्रेन पहले की तुलना में ज्यादा घातक साबित हो रहा है। पहले स्ट्रेन के लिए केंद्र सरकार ने इलाज का प्रोटोकाल जारी किया था, लेकिन इस बार प्रोटोकाल जारी नहीं किया गया, इसलिए सभी राज्य अपने हिसाब से इलाज कर रहे हैं। रेमडेसिविर भी सबके लिए जरूरी नहीं है, फिर भी लोग इसके पीछे भाग रहे हैं। इस बार लक्षण भी अलग-अलग आ रहे हैं, इसलिए इसका रिसर्च भी होना चाहिए। सीएम ने भाजपा नेताओं पर भ्रम फैलाने के आरोप भी लगाए हैं।

मीडिया से बातचीत में सीएम भूपेश ने कहा कि संक्रमण की दर में पिछले साल की तुलना में कई गुना वृद्धि हो रही है। पिछले साल सितंबर में हम 3800 पहुंच गए थे, लेकिन इस बार मार्च में संक्रमण दर 30% ज्यादा पहुंच गया है। उन्होंने इस बात से इंकार नहीं किया कि रेमडेसिविर की जितनी प्रदेश में जरूरत है उतना स्टाक नहीं है, इसलिए महाराष्ट्र, तेलंगाना के बाद गुजरात भी एक अफसर को भेजा गया है। सीएम ने कहा कि वर्तमान में हम 5 हजार से ज्यादा लोगों को ऑक्सीजन दे रहे हैं। कुल 210 टन उत्पादन में 110 टन का उपयोग कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि कोराेना से डरने नहीं बल्कि साहस के साथ मुकाबला करने की जरूरत है।

भाजपाई पीएम को गंभीरता से नहीं लेते, टीका उत्सव में कोई नहीं आया
सीएम ने कहा कि भाजपा के लोग पीएम को भी गंभीरता से नहीं लेते क्योंकि पिछली बार पीएम द्वारा ताली-थाली बजाने के आह्वान पर सभी सड़क में उतर आए थे लेकिन इस बार पीएम के टीका उत्सव के आह्वान पर एक भी भाजपा नेता बाहर नहीं निकला। ये पहले थाली-ताली बजाते रहे लेकिन अब गाल बजा रहे हैं। सर्वदलीय बैठक में उनके अध्यक्ष भी शामिल नहीं हुए। सीएम ने कहा लॉकडाउन समस्या का हल नहीं है, बल्कि लोगों को स्व-अनुशासन बनाना होगा।

गाइडलाइन का पालन करना होगा। इससे रोजगार खत्म होते हैं, छोटे व्यापारी की रोजी-रोटी की समस्या आती है। असम के प्रत्याशियों के छत्तीसगढ़ आने के सवाल पर सीएम ने कहा कि भाजपा की खीज देखिये। इन्हीं लोगों के साथ ये लोग सरकार में है। पांच साल इनके साथ ही विधायक रहे हैं अब अलग हो गए तो आलोचना कर रहे हैं। यह भाजपा का चरित्र है। सीएम ने कहा कि असम में भाजपा अपना हार स्वीकार कर चुकी है।

आईएएस तम्बाेली काे ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई और काे-आर्डिनेशन की जिम्मेदारी
कोरोना मरीजों काे आक्सीजन की जरूरत को देखते हुए सरकार ने आईएएस डॉ. अय्याज फकीर भाई तम्बोली को आक्सीजन की सप्लाई और को-आर्डिनेशन की जिम्मेदारी दी गई है। तम्बोली हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर, सीईओ आरडीए व नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण के साथ यह जिम्मेदारी संभालेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि कोरोना संक्रमित व अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। 15 अप्रैल की स्थिति में राज्य में प्रतिदिन 386.92 टन ऑक्सीजन गैस का उत्पादन राज्य में हो रहा है, जबकि वर्तमान में ऑक्सीजन सपोर्ट वाले 5 हजार 898 मरीजों के लिए प्रतिदिन 110.30 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ही जरूरत पड़ रही है।

प्रदेश में राेजाना 47 हजार से ज्यादा टेस्टिंग
अब स्वास्थ्य केंद्र में भी हाे रहे एंटीजन टेस्टराज्य में वर्तमान में रोजाना 47 हजार से अधिक लोगों की कोरोना टेस्टिंग की जा रही है। मार्च में टेस्टिंग की संख्या प्रतिदिन औसतन 30 हजार थी, जो अप्रैल माह में बढ़कर 47 हजार से अधिक हो गई है। जनवरी 2021 में रोजाना औसत टेस्टिंग 22761 थी। कोरोना टेस्टिंग की संख्या में लगभग 3 गुना का इजाफा हुआ है। राज्य का प्रतिदिन टेस्ट 1620 (प्रति 10 लाख जनसंख्या के मान से) है, जबकि देश का औसत 1018 है। राज्य में 31 शासकीय तथा 5 निजी लैब्स में ट्रूनाट जांच की सुविधा उपलब्ध है। राज्य के 7 शासकीय लैब एवं 5 निजी लैब में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी रेपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य में हो रही कुल कोविड जांच में आरटीपीसीआर जांच के प्रतिशत में अक्टूबर 2020 की तुलना में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल माह में आरटीपीसीआर की जांच का प्रतिशत 40 हो गया है। महासमुन्द, कांकेर और कोरिया में 4 नई शासकीय आरटीपीसीआर लैब की स्थापना की जा रही है। प्रत्येक जिले में अतिरिक्त मशीन प्रदाय कर टू्र नाट लैब की जांच क्षमता बढ़ाई जा रही है। वर्तमान में राज्य में कोरोना के कुल 1 लाख 18 हजार 636 एक्टिव केस है, जिनमें से अधिकांश केस रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बलौदाबाजार, बिलासपुर, महासमुन्द, कोरबा और बेमेतरा जिले में है। राज्य में अब तक 63 लाख 62 हजार 947 कोरोना जांच में 4 लाख 86 हजार 244 कोरोना के चिन्हित प्रकरण मिले जिसमें से 3 लाख 62 हजार 301 मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं, शेष इलाजरत है। राज्य में वर्तमान में कोरोना संक्रमण को देखते हुए 604 कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए हैं, अधिकांश कंटेनमेंट जोन रायपुर, राजनांदगांव, कोरबा एवं गरियाबंद जिले में है, जहां घर-घर जाकर एक्टिव सर्विलेंस एवं टेस्टिंग की जा रही है।

छह मेडिकल कॉलेज और एम्स सहित 36 काेविड हास्पिटल व 137 काेविड केयर सेंटर
राज्य में 6 मेडिकल कॉलेज और एम्स रायपुर सहित 36 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल एवं 137 कोविड केयर सेंटर तैयार किए गए हैं। राज्य के प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल स्थापित किया गया है। शासकीय डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 4686 बेड तथा कोविड केयर सेंटर में 14,608 बेड स्थापित किए गए हैं। शासकीय डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 510 आईसीयू, 504 एचडीयू एवं इसके अतिरिक्त 1915 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर है। इसी तरह शासकीय कोविड सेंटर में 1787 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर तैयार किए गए हैं। निजी कोविड अस्पतालों में कुल उपलब्ध 3,082 बेड, 832 आईसीयू, 381 एचडीयू के अलावा 1232 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध है।

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