प्रलेसं ने दी साहित्यकार डॉ. चंदेल व मुकुंद कौशल को दी भावभीनी श्रद्धांजलि, Praleshan paid emotional tribute to litterateurs Dr. Chandel and Mukund Kaushal
साहित्य व संस्कृति की जीवनभर सेवा की
भिलाई । छत्तीसगढ़ प्रगतिशील लेखक संघ ने प्रसिद्ध आलोचक और छग प्रलेसं के अध्यक्ष मंडल सदस्य डॉ. गोरेलाल चंदेल और प्रसिद्ध कवि मुकुंद कौशल के कोरोना से आकस्कि निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके अवसान को साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति बताया है। दोनों साहित्यकारों ने जीवनभर अपने रचनात्मक और प्रेरक लेखन से हिंदी साहित्य की पूरी जिंदगी सेवा की और प्रेम, शांति व सद्भभाव का अलख जगाते रहे। छग हिंदी साहित्य सम्मेलन और एप्सो से से भी सक्रिय रुप से जुड़े छत्तीसगढ़ को झेंझरी जैसी लोक संस्कृतिक की अनूठी कृति देने वाले 67 वर्षीय डॉ. चंदेल खैरागढ़ इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के प्रोफेसर भी रहे और बच्चों को कला संस्कृति के नव संस्कार दिए। वे छत्सगढ़ी संस्कृति के भी अध्येता थे। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त कवि मुकुंद कौशल ने छत्तीसगढ़ के साथ देशभर में अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों में अपनी संदेशपरक कविताओं व गजलों के माध्यम एक अलग पहचान बनाई। छग प्रगतिशील लेखक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष लोकबाबू, महासचिव नथमल शर्मा संगठन सचिव परमेश्वर वैष्णव, सचिव मंडल सदस्य रवि श्रीवास्तव व प्रलेसं भिलाई दुर्ग के उपाध्यक्ष प्रोफेसर जयप्रकाश, उपाध्यक्ष संतोष झांजी, सचिव विमल शंकर झा, शरद कोकास, गुरवीर सिंह भाटिया सहित योगेंद्र शर्मा, सुखदेव सिंह, राजेश श्रीवास्तव, मणियम मुखर्जी समेत प्रलेसं के सभी साहित्यकारों ने दोनों वरिष्ठ साहित्यकारों को साहित्य व संस्कृतिक का समर्पित व्यक्तित्व निरुपित करते हुए भावभानी श्रद्धांजलि दी है।