48 घंटे के भीतर निजी अस्पताल अपने 20 प्रतिशत बेड गरीबों के इलाज के लिए करें खूबचंद बघेल योजना के अंतर्गत आरक्षित
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बैठक में दिये निर्देश
सीएमएचओ के माध्यम से भेजे जाएंगे मरीज
दुर्ग / निजी अस्पताल के प्रबंधकों के साथ हुई बैठक में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने 48 घंटे के भीतर अपने 20 प्रतिशत बिस्तर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत गरीबों के इलाज के लिए रखने के निर्देश इन प्रबंधकों को दिये। कलेक्टर ने कहा कि यह प्रतिशत सभी तरह के बेड में होगा। मसलन आईसीयू में जितने बेड्स हैं उनकी संख्या का 20 प्रतिशत, एचडीयू में जितनी संख्या में बेड हैं उनका 20 प्रतिशत इस तरह से। कलेक्टर ने कहा कि जो अस्पताल अभी इस योजना से इम्पैनल नहीं हैं वे 24 घंटे के भीतर अपना एम्पैनलमेंट करा लें, यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो इन्हें स्वतः ही इम्पैनल मान लिया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि सीएमएचओ इन आरक्षित बिस्तरों के लिए खूबचंद बघेल योजना के हितग्राहियों को भेजेंगे। यदि इस योजना का कोई हितग्राही सीधे ही अस्पताल में पहुँच जाता है तो इसे भर्ती कर सकते हैं लेकिन बाद में इसका एप्रूवल सीएमएचओ से जरूर लेना होगा। कलेक्टर ने कहा कि वेंटीलेटर में भी यह प्रावधान लागू होंगे। मसलन यदि अस्पताल में पाँच वेंटीलेटर हैं तो एक वेंटीलेंटर में इसकी आवश्यकता वाले खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के हितग्राही का इलाज होगा। यद्यपि 48 घंटे वाले प्रावधान में अस्पताल प्रबंधन को लगता है कि इस अवधि के भीतर वेंटीलेटर उपलब्ध करा पाना संभव नहीं होगा तो वे नोडल अधिकारी से इसकी छूट ले सकते हैं। चेक-एटीएम कार्ड से पेमेंट भी स्वीकार करें- कलेक्टर ने कहा कि लाकडाउन की वजह से कई बार मरीज के परिजनों के पास नगद राशि की दिक्कत हो सकती है अतएव अस्पताल प्रबंधन चेक एवं एटीएम कार्ड से भी पेमेंट स्वीकार करें। एमआरपी से अधिक कीमत में बिल्कुल दवा न बेचें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। परिजनों को मिलने-जुलने की इजाजत नहीं- कलेक्टर ने अस्पताल प्रबंधकों को सख्त निर्देश दिये कि किसी भी सूरत में परिजनों को कोरोना पाजिटिव मरीजों से मिलने नहीं दिया जाए। विजिटिंग अवर न हों। खाना अस्पताल का ही हो, बाहर का खाना मरीजों को नहीं दिया जाए। यदि सब्जी वगैरह के लिए किसी तरह की दिक्कत अस्पताल प्रबंधन महसूस करता हो तो प्रशासन इसके लिए समन्वय करेगा। परिजनों को अवगत कराते रहें जानकारी- कलेक्टर ने निजी अस्पताल के प्रबंधकों से कहा कि परिजनों की समय-समय पर काउंसिलिंग करते रहें ताकि उन्हें मरीज के हेल्थ अपडेट के बारे में जानकारी मिलती रहे। नोडल अधिकारी और अस्पताल प्रबंधन बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें, दोनों ही एक दूसरे के सहयोग के लिए हैं। अभी कोविड की कठिन परिस्थिति है और सबको मिलकर काम करते हुए जनता को राहत देते हुए जिले को कोविड से बाहर निकालना है।