एक हजार पार हुआ जिले में कोरोना से मौत का आंकड़ा कम हो रहा पाजीटिव रेट पर मौतों की रफ्तार यथावत
20 हजार से अधिक एक्टिव मरीजों से स्थिति चिंताजनक
भिलाई / दुर्ग जिले में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा एक हजार को पार करके 1026 हो गया है। लॉकडाउन घोषित होने के बाद अंतिम चरण में पाजीटिव रेट जरुर कम हो रहा है पर मौतों की रफ्तार यथावत बनी हुई है। फिलहाल 20 हजार से अधिक एक्टिव मरीजों के होने से भी कोरोना को लेकर हालात नियंत्रण से बाहर मानी जा रही है।
बुधवार को 4191 सेंपल में से 1647 कोरोना के संक्रमित मिले हैं। वहीं 20 लोगों की मौत प्रशासनिक आंकड़े में दर्ज की गई है। बुधवार को संक्रमितों का औसत 39 फीसदी रहना राहत भरा महसूस हआ है। एक दिन पहले 13 अप्रैल को संक्रमित मरीजों का औसत 43 फीसदी था। इस तरह देखा जाये तो नये संक्रमितों के औसत में एक दिन के भीतर 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। यह आंकड़ा राहत देने वाला जरुर है लेकिन संक्रमण के शिकार मरीजों की मौत की रफ्तार यथावत बने रहने से लोगों में कोरोना का भय कम होने के नाम नहीं ले पा रहा है।
दुर्ग जिले में अभी 14 अप्रैल तक कोरोना के 20 हजार 663 एक्टिव मरीज है। इन एक्टिव मरीजों में अनके की हालत बेहद खराब होने से आने वाले कुछ दिनो तक मौत के आंकड़ों में कमी आने की संभावना नहीं दिख रही है। 14 अप्रैल को कोरोना से जिले में होने वाली मौत का आंकड़ा भी एक हजार को पार गया है। औसतन 15 से 20 मौते प्रतिदिन प्रशासनिक अपडेट में सामने आ रही है। यह लोगों के लिए चिंता की विषय बना हुआ है। लेकिन पिछले चार दिनों के भीतर पॉजीटिव रेट में कमी आने से आने वाले दिनों में स्थिति के नियंत्रण में आ जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है। गौरतलब रहे कि बीते 10 अप्रैल को 2272 कोरोना संक्रमित दुर्ग जिले में मिले थे। दो हजार से अधिक मरीज एक ही दिन में मिलने से भिलाई-दुर्ग में खौफ काफी अधिक बढ गया था। जबकि स्थिति को नियंत्रित करने 6 अप्रैल से संपूर्ण लॉकडाउन प्रभावी रहा था। लेकिन इसके बाद 11 से 14 अप्रैल के बीच चार दिनों में नये संक्रमितों के प्रतिदिन का आंकड़ा 2000 से नीचे रहा है। 11 अप्रैल को 1651 संक्रमित मिले थे। लेकिन इस दिन 3352 सेंपल लिए गए थे और संक्रमितों का औसत 56 फीसदी रहने से हड़कम्प की स्थिति न गई थी। लेकिन 12 अप्रैल से संक्रमित मरीजों के औसत में गिरावट देखी जा रही है। हालांकि 12 अप्रैल को नये संक्रमित मरीजों का औसत 38 फीसदी रहने के एक दिन बाद 13 अप्रैल को फिर से 43 फीसदी तक जा पहुंचा।
लेकिन 14 अप्रैल को फिर से नीचे आकर संक्रमितों का औसत 39 फीसदी के आसपास आकर रुक गया। इसे जिले में लागू लॉकडाउन का असर माना जा रहा है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि पहले चरण में 6 से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषत किया गया। इसके अंतिम दिनों में नये संक्रमितों के औसत में आई गिरावट को देखकर जिला प्रशासन ने लॉकडाउन को 19 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। जिस तरह से पिछले दो दिन में पाजीटिव रेट में गिरावट आया है, उससे 18 अप्रैल तक लॉकडाउन रहने से अपेक्षित सकारात्मक परिणाम आने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही 20 हजार से अधिक एक्टिव मरीजों को बेहतर उपचार के साथ वापस सामान्य बनाने की कोशिश भी जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग लगातार कर रहा है।