*भीषण कोरोना संकटकाल में मुख्यालयों में नही रह रहे शासकीय अधिकारी व कर्मचारी* *(ज़िला प्रशासन आदेश व कोविड-19 प्रोटोकॉल को दरकिनार कर दिगत क्षेत्र से रोजाना कर रहे आवाजाही)*
बेमेतरा:-ज़िला प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी के संकटकाल व ज़िलाव्यापी लॉकडाउन के कारण जिलेभर के समस्त शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने अपने कार्यक्षेत्र के मुख्यालय में रहने एवं सेवा में तत्पर रहने का सख्त प्रशासनिक दिशानिर्देश व कोविड प्रोटोकॉल है।जबकि ज़िलेभर में इसके उलट परिस्थितियां देखने को मिल रही है।जिसके तहत ऐसे भीषण काल के दौर में भी कई प्रशासनिक कर्मचारी व अधिकारी रोजाना की तरह आज भी से कोविड-19 प्रोटोकॉल व जिला प्रशासन के दिशानिर्देश को दरकिनार कर दीगर क्षेत्रो व ज़िलों से आना-जाना कर रहे है।स्थिति यह है कि ऐसे कर्मचारियों व अफसरो की मनमानी के चलते एक तो कोरोना संक्रमण का दर में इजाफा हो रहा है।वही सिस्टम के ताने-बाने को भी नुकसान पहूंच रहा है।जो कि बड़ा गम्भीर है।
जानकारों की माने तो ज़िलेभर में ऐसे करीब सैकड़ो से भी ज्यादा अफ़सर व कर्मचारी है।जिसपर अब कार्यवाही होने की दरकार है।क्योंकि दीगर क्षेत्रो में रहने के कारण कार्य मे इन शासकीय सेवादारों के जिम्मेदारीयुक्त विभिन्न कार्य प्रभावित हो रहे है।जिस पर जिला प्रशासन के कप्तान को संज्ञान लेने की आवश्यकता है।गौरतलब हो, कि ज़िलेभर में शासकीय सेवादारों को प्रशासनिक कार्य के दौरान कार्यस्थल पर सेवा देने का सख्त प्रोटोकॉल है।दीगर क्षेत्रों में रहकर आवाजाही करते हुए ड्यूटी करने पर एवं समय पर विभागीय बैठकों में अनुपस्थित रहने पर नोटिस का भी प्रावधान है।जिसका कई प्रशासनिक सेवाकर्मी बिल्कुल भी परवाह नही करते है।ऐसे सेवाकर्मियों पर अब प्रशासन को कार्यवाही करनी चाहिए ताकि सिस्टम बहाल हो।वरन कोविड-19 के इस आपातकाल दौर में जो अधिकारी लापरवाही व मनमानी कर रहे है उसका तकाज़ा ज़िले के रहवासियों को चुकाना पड़ सकता है।जो कि चिंता का विषय है।