छत्तीसगढ़

सुविधाओं के लिए तरस रही है गरीब आदिवासी दिव्यांग सक्षम अधिकारी है बेखबर सुविधाओं के लिए तरस रही है गरीब आदिवासी दिव्यांग सक्षम अधिकारी है बेखबर

गौरेला पेड्रा मरवाही

सुविधाओं के लिए तरस रही है गरीब आदिवासी दिव्यांग सक्षम अधिकारी है बेखबर

बदहाली की जिन्दगी भी जी लेते हैं,
हम गरीब है साहेब हर दर्द का घूंट पी लेते है

एक तरफ प्रदेश वैश्विक महामारी कोरोना की लड़ाई लड़ रहा है, जिला के बढ़ते आंकड़े चिंता का सबब बना हुआ है, तो दूसरी ओर गरीब आदिवासी अपनी जरूरत के लिए मारे मारे फिर रहे हैं,
दिव्यांगो के लिए केंद्र सरकार द्वारा भले ही लाखों-करोड़ों की योजना बनाई हो पर मगर पर जमीनी हकीकत टटोले तो अपना दुखड़ा कुछ अलग ही बयान करती है,छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की वह सपना आज टूटता हुआ नजर आ रहा है जिस कल्पनाओं के साथ जिला गौरेला पेड्रा मरवाही की नींव रखते हुए ऐतिहासिक बहुप्रतीक्षित घोषणा के लिए विकास की नई संभावनाओ के साथ अपनी दूरदर्शिता से विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए संकल्पित हैं,

हम बात कर रहे हैं नवनिर्मित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के आदिवासी बहुल क्षेत्र ग्राम पंचायत खुरपा के रहने वाली आदिवासी दिव्यांग बुजुर्ग महिला सुशीला करसाल की जो गरीबी की बदहाली में जीने को मजबूर है, बता दें आदिवासी दिव्यांग महिला सुशीला करसाल दोनों पैर से दिव्यांग है, उस दिव्यांग आदिवासी बुजुर्ग के तकलीफों का आलम यह है कि अपनी जिंदगी के बोझ को उठाने के लिए संघर्ष करती हुई दोनों पैर से घिसल घिसल कर जीती है, उबड़-खाबड़ पथरीले रास्तों से कंकड़ पत्थर मे चलते हुए उसके दोनों पैर लहूलुहान हो जाते हैं ,जिंदगी की तकलीफों से लड़ गुजरने के लिए आदिवासी दिव्यांग महिला सुशीला करसाल ने सक्षम अधिकारियों से बैटरी चलित साइकिल की मांग की है, पर उसकी प्रतिपूर्ति अभी तक नहीं हो पाई है,

सक्षम अधिकारी इस कदर कुंभकरण की नींद में सोए हुए है कि उनके कान तक गरीब आदिवासी दिव्यांग महिला सुशीला करसाल की व्यथा बिल्कुल सुनाई नहीं देता, और ना ही उन्हें छत्तीसगढ़ शासन का किसी प्रकार का खौफ है जिसके कारणवश आदिवासी दिव्यांग महिला बुजुर्ग सुशीला करसाल के तकलीफों का दौर जारी है,

सुन्दरिया बाई करसाल सरपंच खुरपा का कहना है दिव्यांग बुजुर्ग महिला की समस्या को तत्काल निराकरण करना चाहिए

युवा कांग्रेस महासचिव महेश करसाल का कहना है बुजुर्ग आदिवासी दिव्यांग महिला को आवश्यक सभी सुविधाएं की प्रतिपूर्ति होनी चाहिए,

एनएसयूआई जिलाध्यक्ष एवं जिला पंचायत सदस्य शुभम पेद्रो ने कहा भूपेश सरकार के दिव्यांगों के लिए तमाम योजनाओं के बाद भी उन्हें सुविधाएं ना मिल पाना समझ से परे है, उन्हें आवश्यक सुविधाएं की प्रतिपूर्ति हो,

गौरतलब है कि नवनिर्मित जिला गौरेला पेड्रा मरवाही बनने के बाद क्षेत्र के लिए विकास का खजाना खोल कर करोड़ों रुपए खर्च कर विकास की गंगा लगातार बहाई जा रही है, अब देखना यह होगा सुनिश्चित होगा कि छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के प्रभारी व राजस्व मंत्री के अथक प्रयासों और योगदान के प्रतिपूर्ति के उपरांत विकास की गंगोत्री का पानी गरीब आदिवासी दिव्यांग बुजुर्ग महिला सुशीला करसाल के घर तक कब तक पहुंच पाता है,

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