छत्तीसगढ़

कबीरधाम जिले में आपातकालीन गतिविधियों को छोड़कर रात्रि 8.30 बजे से प्रातः 7 बजे के बीच आम जनता की आवाजाही कड़ाई से निषिद्ध, रात्रि कालीन कर्फ्यु लागूकबीरधाम जिले में आपातकालीन गतिविधियों को छोड़कर रात्रि 8.30 बजे से प्रातः 7 बजे के बीच आम जनता की आवाजाही कड़ाई से निषिद्ध, रात्रि कालीन कर्फ्यु लागू

कबीरधाम जिले में आपातकालीन गतिविधियों को छोड़कर रात्रि 8.30 बजे से प्रातः 7 बजे के बीच आम जनता की आवाजाही कड़ाई से निषिद्ध, रात्रि कालीन कर्फ्यु लागू

कवर्धा, 12 अप्रैल 2021। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री रमेश कुमार शर्मा ने कबीरधाम जिले में कोरोना वायरस, कोविड-19 के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए आवश्यक, आपातकालीन गतिविधियों को छोड़कर रात्रि 8.30 बजे से प्रातः 7 बजे के बीच कबीरधाम जिले में आम जनता की आवाजाही कड़ाई से निषिद्ध रहेगी अर्थात् रात्रि कालीन कर्फ्यु रहेगा। रात्रि कालीन कर्फ्यु के लिए कलेक्टर श्री शर्मा ने आदेश भी जारी कर दिया है। यह आदेश 12 अप्रैल से आगामी आदेश पर्यन्त प्रभावशील रहेगा।
जारी आदेश में बताया गया है कि भारत सरकार एवं राज्य शासन द्वारा जारी गाईडलाईन के अनुसार कोरोना वायरस कोविड-19 नियंत्रण के संबंध में पूर्व लागू अधिकांश प्रतिबंधों में समय-समय पर स्वतः छूट प्रदान की गई थी। उपर्युक्त आंशिक प्रतिबंधों संबंधी आदेशों की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान पाया गया कि वर्तमान में कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के फलस्वरूप जिला प्रशासन के द्वारा प्रत्येक स्तर पर पूर्व में अधिरोपित प्रतिबंधों, शर्ता का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के लिए जिला कार्यालय से 25 मार्च 2021 से सम्पूर्ण कबीरधाम जिला अंतर्गत दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 प्रभावशील की गयी है। चूंकि वर्तमान में अधिरोपित प्रतिबंधों के पश्चात् भी जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है तथा आम जनता अनावश्क रूप से घरों से बाहर निकल रहें है, जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए कबीरधाम जिले में कोरोना संक्रमण के रोकथाम हेतु आवश्यक, आपातकालीन गतिविधियों को छोड़कर रात्रि 8.30 बजे से प्रातः 7 बजे के बीच कबीरधाम जिले में आम जनता की आवाजाही कड़ाई से निषिद्ध रहेगी, अर्थात् रात्रि कालीन कर्फ्यु रहेगा। आदेश के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, प्रतिष्ठान भारतीय दण्ड संहिता 1880 की धारा 188 सहपठित आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 एवं महामारी नियंत्रण अधिनियम 1897 की धारा 3 के तहत दण्डनीय होंगे।

Related Articles

Back to top button