देश में कोरोना महामारी के बीच छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार के भेजे वेंटिलेटरों पर सियासी संग्राम Political fight between central government sent ventilators in Chhattisgarh amid Corona epidemic in the country
देश में कोरोना महामारी के प्रसार के बीच छत्तीसगढ़ में केंद्र के भेजे वेंटिलेटरों पर सियासी संग्राम शुरू हो गया है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में 230 वेंटिलेटर भेजे, लेकिन इनका इस्तेमाल सरकारी अस्पतालों में नहीं हो रहा है। राज्य सरकार ने खराब गुणवत्ता की बात कहते हुए वेंटिलेटर का उपयोग नहीं किया।
इस पर रायपुर लोकसभा सांसद सुनील सोनी ने पलटवार किया है। सोनी ने कहा कि दो से पांच वेंटीलेटर में कोई तकनीकी दिक्कत हो सकती है, क्या पूरे 230 वेंटीलेटर खराब हैं ? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से जो वेंटीलेटर उपलब्ध कराए गए थे, वे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में केंद्र सरकार को अवगत कराया गया है। कोरोना मरीजों को इलाज में ज्यादा आर्थिक बोझ न पड़े इसके लिए प्रधानमंत्री से वेंटिलेटर, मेडिकल आक्सीजन, आक्सीमीटर, रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित अन्य दवाईयों पर जीएसटी की दर कम करने का आग्रह किया गया है।
मुख्यमंत्री के बयान के बाद सांसद सोनी ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य को 230 वेंटीलेटर दिए हैं। वह 10 महीने से बेकार पड़े हैं, लेकिन सरकार उनका उपयोग नहीं कर सकी है। वेंटीलेटर के अभाव में लोगों की मृत्यु हो रही है और सरकार मूकदर्शक बन कर बैठी है। यदि इन वेंटीलेटर को बदलने की आवश्यकता हो तो सरकार उसे बदले। 10 महीने बाद वेंटीलेटर पर सवाल खड़ा करके सरकार अपनी लापरवाही को छिपाना चाहती है।