बेतरतीब होर्डिंग से बिजली व्यवस्था हो रही बाधित
आंधी चलने के दौरान खंभे व तार टूटने का बन रहा कारण
बिजली विभाग चाह रहा उसकी सहमति से तय हो होर्डिंग की जगह
भिलाई। शहर में मनमाने तरीके से लगे होर्डिंग बोर्ड बिजली व्यवस्था को खासा बाधित कर रहे हैं। आंधी चलने के दौरान खंभे व तार टूटने में बेतरतीब होर्डिंंग प्रमुख कारण बन रहा है। बीते बुधवार को शाम चली आंधी के चलते अनेक जगहों पर यह बात सामने आई है। आने वाले दिनों ऐसी नौबत न आये इसके लिए बिजली विभाग चाह रहा है कि उसकी सहमति से निगम होर्डिंग की जगह तय करे।
ीते बुधवार को शाम को तेज आंधी के चलते भिलाई-दुर्ग में बिजली आपूर्ति चरमरा गई है। इस दौरान पेड़ों के धराशायी होनेे तथा विज्ञापन फ्लैक्स वाले होर्डिंग के गिरने से लगभग 80 बिजली के पोल टूट गए थे। वहीं अनेक जगहों पर बिजली आपूर्ति वाले तार टूटने की घटना पेश आई थी। खासकर शहरी क्षेत्र में होर्डिंग बोर्ड पहले भी बिजली व्यवस्था को बाधित करने में अहम किरदार निभाता रहा है। बिजली विभाग ने इस बात को गंभीरता से लेकर भविष्य के लिहाज से उचित हल निकालने की दिशा में पहल करने की सोच प्रदर्शित की है।
बताते हैं बिजली विभाग के अधिकारी चाह रहे हैं कि शहर में कहीं पर भी विज्ञापन एजेंसी को होर्डिंग लगाने की अनुमति प्रदान करने से पहले उनकी भी सहमति लिया जाए। अधिकारियों की माने तो चौक-चौराहों तथा सडक़ किनारे बिजली के पोल और तार के एकदम करीब होर्डिंग लगाया गया है। इस स्थिति के चलते तेज आंधी के दौरान होर्डिंग या फिर उस पर लगा फ्लै्स गिरकर बिजली के खंभे और तार को नुकसान पहुंचाता है। इससे बिजली व्यवस्था को बहाल करने में काफी समय लग जाता है।
गौरतलब रहे कि विज्ञापन एजेंसियों को होर्डिग लगाने की अनुमति नगर निगम द्वारा दी जाती है। इसके लिए फिलहाल किसी अन्य विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने को कोई प्रावधान लागू नहीं है। इस बात को बिजली विभाग के अधिकारी भी जानते हैं। लिहाजा बिजली विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र के बजाए सहमति के बाद ही होर्डिंग लगाने की अनुमति दिए जाने की पहल नगर निगम व पालिकाओं से किए जाने की तैयारी चल रही है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि होर्डिंग लगाने की अनुमति देने पर निगम व पालिका को राजस्व मिलता है। लेकिन आंधी-तूफान के दौरान होर्डिंग के गिरने से बिजली व्यवस्था भी चरमरा जाती है। बीते बुधवार को इन्ही हालातों के चलते बाधित हुई बिजली लगभग 24 घंटे के बाद बहाल हो सकी। लगभग 80 टूटे हुए बिजली के पोल और तार बदलने में तीन सौ के करीब कर्मचारियों को अनवरत श्रमदान करना पड़ा।
आवश्यक सेवाएं होती है बाधित
लंबे समय तक बिजली गुल रहने से आवश्यक सेवाएं भी बाधित होती है। इस वजह से आम और खास सभी वर्ग को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। बुधवार की शाम को आंधी चलते ही खंभे और तार के क्षतिग्रस्त होने से लगभग 24 घंटे तक बिजली बाधित रही। इस वजह से अस्पताल, पेट्रोल पंप, जलापूर्ति जैसी आवश्यक सेवाएं प्रभावित रही। वहीं नौतपे की गर्मी और उसम भरे मौसम ने लोगों को खासा परेशान किया। आने वाले दिनों में ऐसी नौबत न आये इसके लिए बिजली विभाग का ध्यान शहर के विज्ञापन वाले होर्डिंग पर लगा हुआ है।