छत्तीसगढ़

लॉकडाउन से नहीं भूख से लॉकडाउन से नहीं भूख से मर जाएंगे लोग, लॉकडाउन करने से पहले भोजन की करें व्यवस्था राज्य सरकार – शिव वर्मा People will die of hunger due to lockdown, the state government should arrange food before lockdown – Shiv Verma जाएंगे लोग, लॉकडाउन करने से पहले भोजन की करें व्यवस्था राज्य सरकार – शिव वर्मा

*लॉकडाउन से नहीं भूख से मर जाएंगे लोग, लॉकडाउन करने से पहले भोजन की करें व्यवस्था राज्य सरकार – शिव वर्मा* *राजनांदगांव ।* विश्व कोरोना वायरस संक्रामक से राजनांदगांव जिला सहित पूरे छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसमें मृत्यु दर भी बढ़ते चरण में है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना वायरस संक्रामक बढ़ने के बाद लॉकडाउन और कर्फ्यू का जो निर्णय लिया है, वह बढ़ने से पहले ही ले लेना था, किंतु रात को 09 बजे से सुबह 06 बजे तक कर्फ्यू का जो ऑर्डर दिए हैं, वह अनुचित है, क्योंकि रात 09 बजे से 06 बजे तक ग्रामीण क्षेत्रों से कमाने खाने दो वक्त की रोजी रोटी के लिए शहर आते हैं, और शाम होते ही वापस घर चले जाते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार रात 09 बजे के बाद कर्फ्यू लगाने का आदेश दिए हैं, यह समझ से परे है, क्योंकि उसी समय शहर में भीड़ भाड़ा बहुत कम हो जाते हैं तो कर्फ्यू लगाने का मतलब ही क्या हुआ शहर में लॉकडाउन होना बहुत जरूरी है, लेकिन लॉकडाउन के साथ गरीबों की रोजी रोटी को ध्यान में रखते हुए दो वक्त की रोटी भोजन की व्यवस्था करना भी छत्तीसगढ़ सरकार की जिम्मेदारी है नहीं तो लॉकडाउन से नहीं भूख से मर जाएंगे गरीब लोग, जिला भाजपा पिछड़ा वर्ग के जिला अध्यक्ष पार्षद दल के प्रवक्ता शिव वर्मा ने छत्तीसगढ़ सरकार से अपील करते हुए कहा है कि कुछ समय छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस की संख्या बहुत कम ही तादात में मिल रहे थे उस समय लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कर आते तो आज छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस संक्रामक नहीं बढ़ते लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार जानबूझकर कोरोना वायरस को राजनीतिक के चश्मे से देख रहे हैं, और गरीब लोग मर रहे हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। श्री वर्मा ने आगे कहा कि अगर छत्तीसगढ़ सरकार लॉकडाउन करते हैं, तो अच्छी बात है लेकिन लॉकडाउन से पहले मजदूर गरीब तबकों के लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करना भी छत्तीसगढ़ सरकार की जिम्मेदारी है, अगर भोजन की व्यवस्था नहीं करते हैं, तो लॉकडाउन कानून के चपेट में आकर कुछ भी कदम उठा सकते हैं, इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार जितनी जल्दी हो सके पूरी अनुशासन व गाइडलाइन का पालन करते हुए अतिशीघ्र का आदेश दें लेकिन लॉकडाउन से संक्रमितो की संख्या कम जरूर होंगे लेकिन गरीब लोग लॉकडाउन के चपेट में आकर स्वयं भूख से तड़प आएंगे और मर भी जाएंगे इसलिए गरीबों की आर्थिक परिवारिक स्थिति को देखते हुए सरकार दोनों पहलू को सोच समझकर लॉकडाउन के साथ भोजन की व्यवस्था करें। अगर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व निगम प्रशासन का स्वयं कड़ाई से पालन कर आते तो आज शहर के साथ गांव में संक्रमितो की संख्या नहीं बढ़ते शासन – प्रशासन स्वयं गाइडलाइन का पालन कराने में कोताही बरत रहे हैं, जिसका परिणाम गरीब जनता मर रहे हैं, क्योंकि गरीबों के साथ दो वक्त की रोटी भी जरूरी है, अगर कमाएंगे नहीं तो खाएंगे क्या इसलिए उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार को ध्यान दिलाते हुए कहां है कि गरीब तबकों के लोग सैनिटाइजर अन्य सुरक्षा उपकरण लेने में भी सक्षम नहीं है, इसलिए सरकार की तरफ से सुरक्षा उपकरण भी दिया जाऐ जिससे संक्रामक जैसे जान लेवे खतरनाक बीमारियों बच सके तथा जिन परिवारों के सदस्य में संक्रमित मिले हैं, ऐसे परिवारों के घर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सार्वजनिक रूप से परिवारों मकानों में पर्चा चस्पा कब से कब तक होम आइसोलेशन तक घर में रहेंगे तथा सोशल डिस्टेंस करोना गाइडलाइन का पालन करते हुए बच सके, इसके लिए यहां भी स्वास्थ विभाग को ध्यान देना चाहिए तथा जो व्यक्ति होम आइसोलेशन घर में हैं वहां व्यक्ति कहीं बाहर घूमने तो नहीं जा रहे हैं इसका भी निगरानी स्वास्थ्य विभाग पुलिस विभाग को करना चाहिए भी जरूरी है, सार्वजनिक रूप से गली मोहल्ला चौक चौराहों में लाउडस्पीकर के माध्यम से कोरोना संक्रामक से बचने व सुझाव देते हुए लगातार लाऊड स्पीकर से लोगों को जागरूकता किया जावे । लॉकडाउन हो या कर्फ्यू जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के साथ नगर निगम स्वयं कड़ाई से पालन करवाने के लिए जिम्मेदारी से काम करें। तभी लॉकडाउन का पालन हो सकता है नहीं तो शासन – प्रशासन सिर्फ लॉकडाउन का खाना पूर्ति ना इसके लिऐ शासन को निगरानी करने के लिऐ शहर के सभी वार्डों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी जिम्मेदार अधिकारियों का ड्यूटी लगाना चाहिए जिससे कोरोना वायरस संक्रामक गाइडलाइन का पालन सही और कड़ाई से हो सके किसी भी प्रकार से संक्रमित परिवार व्यक्ति होम आइसोलेशन से खुलेआम घूमते हैं ऐसे व्यक्ति के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करना चाहिए।

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