अजब गजबछत्तीसगढ़

अगर दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो हर मुश्किल का सामना बखूबी किया जा सकता,If there is a desire in the heart to do something, then every difficulty can be dealt with well. If there is a desire in the heart to do something, then every difficulty can be dealt with well

If there is a desire in the heart to do something, then every difficulty can be dealt with well. अगर दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो हर मुश्किल का सामना बखूबी किया जा सकता

सबका सँदेश कान्हा तिवारी,

बिलासपुर-अगर दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो हर मुश्किल का सामना बखूबी किया जा सकता है।इसी चाहत की बदौलत जिले की एक दिव्यांग खिलाड़ी रोहणी साहू ने तलवारबाजी चैंपियनशिप में 7 गोल्ड, 5 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है।छोटे से गांव की इस खिलाड़ी की जीत पर गांव सहित पूरा जिला गौरवांवित है राष्ट्रीय तलवारबाजी चैंपियनशिप में शहर के दिव्यांग खिलाड़ी रोहिणी साहू अब तक 7 गोल्ड सहित कई मेडल जीत चुकी है। रतनपुर मार्ग पर ग्राम गोंदईया की रहने वाली खिलाड़ी के पिता राजकुमार साहू पिछले 20 सालों से बिलासपुर शहर में रहकर रोजी मजदूरी का काम करते हैं। रोहणी को बचपन से ही स्पोर्ट्स में रूचि तो थी, लेकिन उसे कोई प्लेटफार्म नहीं मिला। एक बार वह जिला खेल परिसर में स्पर्धा देखने पहुंची थी जहां स्पर्धा देखकर वह काफी रोमांचित हुई। यहां उसे व्हीलचेयर तलवारबाजी के बारे में पता चला। वर्ष 2014 से उसने व्हीलचेयर तलवारबाजी का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया, उसने 7 वीं व्हीलचेयर तलवारबाजी चैंपियनशिप में भाग लेकर सिल्वर मेडल हासिल किया। इसके बाद वह लगातार सफलता के परचम लहराती मेडल जीती रही। रोहणी ने 8 वीं राष्ट्रीय चैंपियनशिप करनाल हरियाणा में 2 गोल्ड,1 सिल्वर हासिल किए। 9 वीं व्हीलचेयर तलवारबाजी राष्ट्रीय चैंपियनशिप छत्तीसगढ़ में 1 गोल्ड, 2 सिल्वर मेडल अपने नाम किए। 10 वीं व्हीलचेयर तलवारबाजी राष्ट्रीय चैंपियनशिप करनाल हरियाणा में 1 गोल्ड,1 ब्रॉन्ज मेडल मिला।11 वीं व्हीलचेयर राष्ट्रीय चैंपियनशिप इम्फाल मणिपुर में 2 गोल्ड मेडल हासिल करने में सफल हुई। इसके बाद राष्ट्रीय चैंपियनशिप चेन्नई में एक ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। अभी 26 से 28 मार्च तक करनाल हरियाणा में आयोजित 13 वीं व्हीलचेयर तलवारबाजी राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उसने 6 मेडल प्राप्त किया।इसमें एक गोल्ड, एक सिल्वर,4 ब्रॉन्ज मेडल है।रोहणी ने अब तक 7 गोल्ड,5 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज अपने नाम कर चुकी है। मई में थाईलैंड में होने वाली एशियन चैंपियनशिप में खिलाड़ी रोहिणी साहू का चयन हुआ है, जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह अपना जौहर दिखाएगी।हालांकि खिलाड़ी रोहिणी का कहना है कि एशियन चैंपियनशिप के लिए एफआई इक्यूपमेंट की आवश्यकता है जो प्रशिक्षण केंद्र में नही है जिसके कारण बेहतर ढंग से तैयारी नही हो पा रही। खिलाड़ी रोहिणी की जीत पर पूरे गांव और जिला गौरवान्वित है।खिलाड़ी रोहणी अभी एक एनजीओ में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम कर रही हैं,लेकिन उन्हें एक शासकीय नौकरी की इच्छा है, जिससे वह अपने परिवार का सहारा बन सके ! बहरहाल खेल के क्षेत्र में जिले के कई खिलाड़ियों ने जिले का नाम रौशन किया है,लेकिन संसाधनों की कमी के चलते उनको वह मुकाम नहीं मिल पाता है, जिनकी वह सही मायनों में हकदार है। शासन खिलाड़ियों के लिए खेल को लेकर भले ही लाख दावे करता हो, लेकिन आज भी खिलाड़ी खेल से जुड़े संसाधनों के अभाव से और सही मैदान के लिए जूझ रहे

अगर दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो हर मुश्किल का सामना बखूबी किया जा सकता है।

 

सबका सँदेश कान्हा तिवारी,
बिलासपुर-अगर दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो हर मुश्किल का सामना बखूबी किया जा सकता है।इसी चाहत की बदौलत जिले की एक दिव्यांग खिलाड़ी रोहणी साहू ने तलवारबाजी चैंपियनशिप में 7 गोल्ड, 5 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है।छोटे से गांव की इस खिलाड़ी की जीत पर गांव सहित पूरा जिला गौरवांवित है राष्ट्रीय तलवारबाजी चैंपियनशिप में शहर के दिव्यांग खिलाड़ी रोहिणी साहू अब तक 7 गोल्ड सहित कई मेडल जीत चुकी है। रतनपुर मार्ग पर ग्राम गोंदईया की रहने वाली खिलाड़ी के पिता राजकुमार साहू पिछले 20 सालों से बिलासपुर शहर में रहकर रोजी मजदूरी का काम करते हैं। रोहणी को बचपन से ही स्पोर्ट्स में रूचि तो थी, लेकिन उसे कोई प्लेटफार्म नहीं मिला। एक बार वह जिला खेल परिसर में स्पर्धा देखने पहुंची थी जहां स्पर्धा देखकर वह काफी रोमांचित हुई। यहां उसे व्हीलचेयर तलवारबाजी के बारे में पता चला। वर्ष 2014 से उसने व्हीलचेयर तलवारबाजी का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया, उसने 7 वीं व्हीलचेयर तलवारबाजी चैंपियनशिप में भाग लेकर सिल्वर मेडल हासिल किया। इसके बाद वह लगातार सफलता के परचम लहराती मेडल जीती रही। रोहणी ने 8 वीं राष्ट्रीय चैंपियनशिप करनाल हरियाणा में 2 गोल्ड,1 सिल्वर हासिल किए। 9 वीं व्हीलचेयर तलवारबाजी राष्ट्रीय चैंपियनशिप छत्तीसगढ़ में 1 गोल्ड, 2 सिल्वर मेडल अपने नाम किए। 10 वीं व्हीलचेयर तलवारबाजी राष्ट्रीय चैंपियनशिप करनाल हरियाणा में 1 गोल्ड,1 ब्रॉन्ज मेडल मिला।11 वीं व्हीलचेयर राष्ट्रीय चैंपियनशिप इम्फाल मणिपुर में 2 गोल्ड मेडल हासिल करने में सफल हुई। इसके बाद राष्ट्रीय चैंपियनशिप चेन्नई में एक ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। अभी 26 से 28 मार्च तक करनाल हरियाणा में आयोजित 13 वीं व्हीलचेयर तलवारबाजी राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उसने 6 मेडल प्राप्त किया।इसमें एक गोल्ड, एक सिल्वर,4 ब्रॉन्ज मेडल है।रोहणी ने अब तक 7 गोल्ड,5 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज अपने नाम कर चुकी है। मई में थाईलैंड में होने वाली एशियन चैंपियनशिप में खिलाड़ी रोहिणी साहू का चयन हुआ है, जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह अपना जौहर दिखाएगी।हालांकि खिलाड़ी रोहिणी का कहना है कि एशियन चैंपियनशिप के लिए एफआई इक्यूपमेंट की आवश्यकता है जो प्रशिक्षण केंद्र में नही है जिसके कारण बेहतर ढंग से तैयारी नही हो पा रही। खिलाड़ी रोहिणी की जीत पर पूरे गांव और जिला गौरवान्वित है।खिलाड़ी रोहणी अभी एक एनजीओ में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम कर रही हैं,लेकिन उन्हें एक शासकीय नौकरी की इच्छा है, जिससे वह अपने परिवार का सहारा बन सके ! बहरहाल खेल के क्षेत्र में जिले के कई खिलाड़ियों ने जिले का नाम रौशन किया है,लेकिन संसाधनों की कमी के चलते उनको वह मुकाम नहीं मिल पाता है, जिनकी वह सही मायनों में हकदार है। शासन खिलाड़ियों के लिए खेल को लेकर भले ही लाख दावे करता हो, लेकिन आज भी खिलाड़ी खेल से जुड़े संसाधनों के अभाव से और सही मैदान के लिए जूझ रहे हैं।

हैं।

Related Articles

Back to top button