अगर इन कामों के लिए किया कैश में लेन-देन तो घर आएगा इनकम टैक्स नोटिस…फटाफट जानिए सभी नियम

केंद्र सरकार का फोकस देश की डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने का है. इसको लेकर केंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है. इसीलिए कैश ट्रांजेक्शन से जुड़े नियम लगातार सख्त होते जा रहे है. इसीलिए आज हम आपको कैश में पैसों के लेन-देन से जुड़े सभी नियमों की जानकारी दे रहे है. आपको बता दें कि घर में कैश रखने की लिमिट तय नहीं है. लेकिन घर में रखे कैश का सोर्स बताना जरूरी होता है
टैक्स एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मार्च 2020 में कैश इन सर्कुलेशन (चलन में) करीब 24-25 लाख करोड़ रुपये था. वहीं, जनवरी 2021 में ये बढ़कर 27 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया. इसका मतलब साफ है कि इनकम टैक्स नियमों को सख्त किया गया है. साथ ही, कई प्रतिबंध भी लगाए गए है.
(1) कैश में 2000 रुपये से ज्यादा का चंदा या दान नहीं दिया जा सकता है.
(2) 5000 रुपये से ज्यादा कैश में मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट नहीं है.
(3) 10 हजार रुपये से ऊपर बिजनेस के लिए कैश में खर्च करने पर रकम को आपके मुनाफे की रकम में जोड़ लिया जाएगा.
(4) 20 हजार रुपये से ऊपर कैश में लोन न तो लिया जा सकता है ना ही लिया जा सकता है. इस नियम को तोड़ने पर जुर्माना देना होगा.
(5) 50 हजार रुपये से ऊपर की रकम फॉरेन एक्सचेंज में जाकर नहीं ले सकते हैं.
(6) 2 लाख रुपये से ऊपर कैश में कोई खरीदारी नहीं की जा सकती है.
(7) बैंक से 2 करोड़ रुपये ज्यादा कैश निकालने पर टीडीएस लगेगा.
अब यहां पर सवाल ये उठता है आखिर घर में कितना कैश रखा जा सकता है.
टैक्स एक्सपर्ट्स बताते हैं कि घर में कैश रखने को लेकर अभी तक कोई लिमिट तय नहीं की गई है. हालांकि, घर में रखे कैश का सोर्स बताना अब जरूरी है.
अगर कोई इसकी जानकारी नहीं दे पाता है तो ऐसे में उसे 137% तक पेनाल्टी देनी पड़ती है. सेविंग बैंक में सेविंग खाते को लेकर कुछ नियम तय किए गए हैं.
एक बार में 2 लाख रुपये या उससे ज्यादा जमा किया या सेविंग अकाउंट में 50,000 रुपए से ज्यादा कैश जमा कर रहे हैं तो ऐसे में आपको पैन कार्ड नंबर देना जरूरी है. कैश में पे-ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट भी बनवा रहे हैं तो पे ऑर्डर-DD के मामले में भी पैन नंबर देना होगा.
काम की बात
टैक्स एक्सपर्ट्स कहते हैं कि आयकरदाताओं को टैक्स में ट्रांजेक्शन करने से बचना चाहिए. क्योंकि, मौजूदा समय में ट्रांजेक्शन के लिए कई ऑप्शन आ गए है. क्योंकि सख्ती के बीच कोई भी नियम टूटता है तो भारी जुर्माना देना होगा.