दहेज प्रताडऩा के बहुचर्चित मामले में 27 को आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय करेगी कोर्ट
दुर्ग। शहर के प्रसिद्ध होटल व्यवसायी विजय अग्रवाल की पुत्री रुही अग्रवाल द्वारा पुलिस थाना में दर्ज करवाए गए दहेज प्रताडऩा के मामले में अब फास्ट ट्रेक कोर्ट 27 जून को आरोपी ससुरालियों के विरुद्ध आरोप तय करेगा। इस मामले में आरोपी ससुरालियों द्वारा रुही अग्रवाल के विरुद्ध दायर याचिका 20 मई को हाईकोर्ट पहले ही निरस्त कर चुका है। इसके पहले भी प्रकरण के खिलाफ ससुरालियों द्वारा विभिन्न याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई थी। सुनवाई में हो रही विलंब के मद्देनजर पीडि़ता रुही अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जल्द कार्यवाही हेतु निवेदन किया था। जिसके बाद आरोपी ससुरालियों के विरुद्ध आरोप तय करनी की तिथि मुकरर हुई है। यह बातें पीडि़ता रुही अग्रवाल के अधिवक्ता अशोक यादव व नीरज चौबे ने शनिवार को प्रेसवार्ता में कही। इस दौरान रुही के पिता सागर इंटरनेशनल होटल के संचालक विजय अग्रवाल भी मौजूद थे। अधिवक्ता अशोक यादव व नीरज चौबे ने बताया कि दीपक नगर निवासी रुही अग्रवाल द्वारा 7 मई 2016 को अपने पति निमिष अग्रवाल, ससुर सुनील अग्रवाल, सास रेखा अग्रवाल के विरुद्ध सुपेला थाना में धारा 498 ए, 377,323 भारतीय दंड विधान एवं 3 एवं 4 दहेज प्रतिशेध अधिनियम के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। जिसमें विवेचना के दौरान ननंद नेहा अग्रवाल को अभियुक्त के रुप में शामिल किया गया। उसके पश्चात निमिष अग्रवाल द्वारा उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में एक याचिका प्रस्तुत किया था। जिसमें निमिष अग्रवाल को दिया गया स्थगन निरस्त किया गया। बाद में मामले में सुपेला थाना द्वारा धारा 376 भारतीय दंड विधान की धारा जोड़ दी गई और अंतिम अभियोग पत्र दुर्ग न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया। निमिष अग्रवाल की ओर से एक आवेदन दस्तावेज थाने द्वारा प्रस्तुत करने हेतु लगाया गया था, जो कि न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया। बाद में निमिष अग्रवाल, सुनील अग्रवाल एवं रेखा अग्रवाल द्वारा एक याचिका उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में प्रस्तुत किया। प्रकरण की सुनवाई लेट होने पर रुही अग्रवाल द्वारा सर्वोच्च न्यायालय से उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर को यह निर्देश करवाया कि मामले को एक ही दिन निश्चित कर सुनवाई की जाए। उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर द्वारा 20 मई 2019 को निमिष अग्रवाल, सुनील अग्रवाल एवं रेखा अग्रवाल की ओर से प्रस्तुत याचिका को निरस्त कर दिया गया। अब यह मामला फास्ट ट्रेक कोर्ट दुर्ग में लंबित है। उसमें निमिष अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, रेखा अग्रवाल एवं नेहा अग्रवाल के आरोप तय होने है। रुही अग्रवाल द्वारा इस मामले को चार महीने के भीतर सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में याचिका प्रस्तुत करने वाली है। अधिवक्ताओं ने बताया कि निमिष अग्रवाल द्वारा रुही अग्रवाल एवं विजय अग्रवाल के विरुद्ध एक परिवाद पत्र धारा-3 दहेज प्रतिशेध अधिनियम अंतर्गत प्रस्तुत किया था। जो कि पंजीबद्ध हुआ था। उक्त आदेश के विरुद्ध सत्र न्यायाधीश दुर्ग के न्यायालय में एक पुनरीक्षण प्रस्तुत किया गया। जिसमें सत्र न्यायाधीश दुर्ग द्वारा उपरोक्त मामले की सुनवाई स्थगित कर दिया है तथा उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर द्वारा मामले में अंतिम आदेश पारित नहीं करने का आदेश दिया है। जिस पर सुनवाई जारी है।
उन्होने बताया कि निमिष अग्रवाल द्वारा रुही की पुत्री कु. निर्वाना अग्रवाल की अभिरक्षा के लिए कुटुम्ब न्यायालय दुर्ग में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था। जिसे तृतीय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय दुर्ग द्वारा 17 दिसंबर 2018 को निरस्त कर दिया गया है एवं कु. निर्वाना अग्रवाल की अभिरक्षा को उसकी माता रुही अग्रवाल के पास यथावत रखा है। रुही अग्रवाल द्वारा निमिष अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, रेखा अग्रवाल एवं नेहा अग्रवाल, नेहा के पति उदित अग्रवाल के विरुद्ध हिंसा का परिवाद प्रस्तुत किया है। जिस पर न्यायालय द्वारा विचारण जारी है।
बेटियां अन्याय व प्रताडऩा का डटकर करे मुकाबला- विजय अग्रवाल
पीडि़ता रुही अग्रवाल के पिता प्रसिद्ध होटल व्यवसायी विजय अग्रवाल ने कहा कि यह न्याय की लड़ाई है। हर व्यक्ति अपने व अपने परिवार से जुड़े मामलें को सार्वजनिक करने से कतराता है, लेकिन यह अन्याय व प्रताडऩा का समाधान नहीं होता है। मेरी पुत्री के दहेज प्रताडऩा के मामले को सार्वजनिक करने का मुख्य उद्देश्य है कि कोई भी बेटी डर व लोकलाज के भय से अन्याय के खिलाफ हार नहीं माने। दहेज लोभियों के खिलाफ पूरे ताकत से लड़ाई छेड़े। विलंब भले हो सकता है, लेकिन न्याय जरुर मिलेगा। श्री अग्रवाल ने बताया कि मेरी पुत्री रुही अग्रवाल को ससुरालियों द्वारा प्रताडि़त किया गया। लेकिन उसने हार नहीं मानी।