Weather Alert: देश के कई हिस्सों में लू के कारण एलो अलर्ट जारी, इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी, जानें- मौसम विभाग का ताजा अपडेट
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नई दिल्ली
मौसम का रुख एक बार फिर बदल रहा है। कई राज्यों में तापमान में तेजी से वृद्धि हो रही है तो कहीं भारी बारिश, भूस्खलन व धूलभरी आंधी की चेतावनी जारी की गई है। दिल्ली समेत देश के कई राज्यों का मौसम अचानक बदल गया है। दिल्ली के आसमान में बादल छाने के साथ कुछ इलाकों में तेज हवा चल रही है। अचानक बदले मौसम से तापमान में गिरावट आने के साथ भीषण गर्मी से मामूली राहत मिली है। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में अगले 48 घंटों तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलेगी। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली सहित गंगा के मैदानी क्षेत्रों में अगले दो-तीन दिनों तक उत्तर पश्चिम दिशा से तेज धूलभरी हवाएं चलेंगी। दिन के तापमान में गिरावट के आसार हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान (आईएमडी) ने चेतावनी दी है कि पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि एक अप्रैल तक 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने के साथ भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा बादल गरजने के साथ ही आसमान में बिजली भी चमकेगी। आईएमडी ने पूर्वानुमान लगाया है कि मौसम में आए इस बदलाव से दक्षिण असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में कुछ स्थानों पर निचले इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ भी आ सकती है।
उत्तर पूर्व भारत में गरज के साथ भारी बारिश संभावना
मौसम विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी से दक्षिण की ओर निचले स्तर की तेज हवाओं के चलते उत्तर पूर्व भारत में गरज के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। भविष्यवाणियों के अनुसार, 30 मार्च और 31 मार्च के बीच बारिश अपने चरम पर होगी। आईएमडी ने पहले ही असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा पर ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में भी एलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने इस दौरान आंधी, बिजली, ओलावृष्टि और 40-50 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं की चेतावनी दी है। तेज हवाओं की अधिकतम गतिविधि 30 और 31 मार्च को असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा और मिजोरम में होने की उम्मीद है।
भूस्खलन और बाढ़ की भविष्यवाणी
तेज हवाएं वृक्षारोपण, बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। साथ ही कहा है कि खराब मौसम के चलते खुले स्थानों पर लोगों और मवेशियों के घायल होने की भी संभावना है। बयान में कहा गया है कि भारी बारिश से स्थानीय भूस्खलन, बाढ़, निचले इलाकों में जलभराव, भारी बारिश के कारण दृश्यता में कमी व यातायात में व्यवधान हो सकता है। वहीं, कच्ची सड़कों और कमजोर संरचनाओं और इमारतों को कुछ मामूली नुकसान की भी उम्मीद है। आईएमडी ने लोगों को घर के अंदर रहने और अगर संभव हो तो यात्रा से बचने और बिजली का संचालन करने वाली सभी वस्तुओं से दूर रहने की सलाह दी है। यह भी सुझाव दिया कि खेती के कार्यों को निलंबित कर दिया जाना चाहिए और खराब मौसम के दौरान कमजोर इमारतों में रहने से बचना चाहिए।
अगले 4 दिनों में अंडमान और निकोबार के मौसम में आएगा बदलाव
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और दक्षिण में स्थित अंडमान सागर में साइक्लोनिक सर्कुलेशन का प्रभाव रहेगा जिसके चलते अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अगले 4 दिनों में गरज के साथ बहुत वर्षा, बिजली और तेज हवा चलने की संभावना है। ऐसे में मछुआरों को 30 और 31 मार्च को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर में जाने की मनाही कर दी गई है। वहीं अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी से सटे इलाकों में 01 और 02 अप्रैल तक भी आने जाने की अनुमति नहीं है।
इन राज्यों में लू चलने की संभावना
राजस्थान और गुजरात में लू (हीटवेव) जारी रहेगा। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी हीटवेव की स्थिति आ सकती है। साइक्लोनिक सर्कुलेशन मध्य पाकिस्तान और पंजाब और हरियाणा के निकटवर्ती भागों में है। मौसम विभाग के अनुसार आज उत्तरी भारत, मध्य भारत और पश्चिमी भारत में गरम हवाओं के साथ मौसम बहुत गरम रहेगा।
भोपाल में गर्मी ने तोड़ा रिकार्ड, कई जिलों में एलो अलर्ट जारी
वर्तमान में मध्य प्रदेश में मौसम का कोई विशेष सिस्टम सक्रिय नहीं है। साथ ही हवाओं का रुख पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी बना हुआ है। इस वजह से राजधानी भोपाल सहित मध्य प्रदेश के कई जिलों में अधिकतम तापमान में वृद्धि देखी गई। मंगलवार को राज्य के कई हिस्सों में तापमान 41 डिग्री तक पहुंच गया। राज्य में लू (हीटवेव) के कारण कई जिलों में एलो अलर्ट जारी किया गया है। बता दें कि सोमवार को भी भोपाल का अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा था। जो सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक था। यह राजधानी में मार्च का अभी तक का सबसे अधिक तापमान रहा। मौसम विभाग के भोपाल केंद्र की 1976 में स्थापना के बाद के आंकड़ों के अनुसार राजधानी में मार्च में अभी तक तापमान 41 डिग्री तक नहीं पहुंचा था।
कब चलती है लू
मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि जब अधिकतम तापमान सामान्य से साढ़े चार डिग्री सेल्सियस से अधिक रहता है तो ऐसी स्थिति में लू चलने की घोषणा की जाती है। अमूमन इस तरह की स्थिति अप्रैल-मई में बनती है।