नशा किसी भी रुप में लिया जाए वह कभी लाभदायक नहीं होता -नशे की हालत में गाड़ी ना चलाएं: Addiction in any form is never beneficial -Do not drive in drunken condition

दुर्ग / राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवासेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में दिनांक 16 मार्च से 19 मार्च तक वाहन चालन संबंधी विशेष जागरूकता अभियान, एवं नशा मुक्ति हेतु पटेल चैक दुर्ग में चलाया जा रहा है जिसके तहत् आज कुल 1040 ऐसे वाहन चालक जो यातायात नियमों की अनदेखी करते पाए गए, उन्हें नियमों की जानकारी देते हुए बंधपत्र भरवाया गया। श्री विजय कुमार साहु अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के द्वारा वाहन चालकों को समझाईश दी जिन्हें नियमों के विरूद्व वाहन चालक का कार्य करते हुए पाया गया। वाहन चालकों को यह जानकारी दी कि ’’ बिना बीमा के मोटर यान चलाना अपराध है तथा यदि बिना बीमा के मोटर यान से किसी की मृत्यु हो जाने पर मृत के दुर्घटना दावा का भुगतान वाहन स्वामी या वाहन चालक द्वारा किया जाता है। यदि वाहन को बिना बीमा के चलवाया जाता है तो चालक के साथ -साथ वाहन स्वामी भी दायित्वाधीन होता है। उन्होंने बताया किः-’’नशा व्यक्ति के साथ-साथ समाज में भी बुरा प्रभाव डालता है । मोटर दुर्धटना के अधिकांशतः मामले नशे के हालत में गाडी चलाने के ही कारण होती है । समाज में युवा वर्ग वर्तमान परिस्थिति में नशे की ओर आकर्षित होते हैं । कई जगहों पर अनुचित रूप से हुक्का बार भी चलाये जाते हैं जिसमें युवा वर्ग की भागीदारी ज्यादा रहती है, जो उनके भविष्य को अंधकार में डालती है तथा समाज में उसका बुरा प्रभाव पडता है । परिवार में नशा करने वाले व्यक्ति का परिवार टूटने लगता है तथा बिखर जाते हैं । वाहन चालकों को यह भी जानकारी दिया गया कि 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति द्वारा वाहन चलाया जाना अपराध है तथा 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति द्वारा बिना अनुज्ञा पत्र के लोक मार्ग पर वाहन चलाना अपराध है। यदि कोई वाहन का स्वामी अपनी वाहन को 18 वर्ष से कम व्यक्ति को चलाने देता है तो चालक के साथ-साथ वाहन स्वामी भी अपराध का भागी होता है। कोई भी वाहन लोक मार्ग पर बिना पंजीयन के नहीं चलाया जा सकता बिना पंजीयन के वाहन चलाना अपराध होता है यदि कोई व्यक्ति वाहन बेचता है तो वाहन बेचे जाने के 15 दिनों के अंदर उक्त वाहन का पंजीयन एवं बीमा का ट्रांसफर करा लेना चाहिए। वाहन के स्वामी को मजिस्ट्रेट के द्वारा यह भी जानकारी दिया गया कि वाहन चलाते समय सुरक्षा मानको का ध्यान रखा जाना चाहिए। जैसे मोटर सायकल चलाते समय सुरक्षा टोपी (हेलमेट), चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट आवश्यक रूप से पहनना चाहिए। बिना हेलमेट या सीट बेल्ट के वाहन चलाना ना सिर्फ अपराध है बल्कि जान और माल के लिए भी नुकसान दायक हो सकता है। लोक मार्ग पर दिये गये यातायात संकेतों को पालन करते हुए ही वाहन चलाया जाना चाहिए। वाहन को संकेतों में दिये गये गति सीमा से अधिक गति से वाहन को चलाना भी अपराध होता है। वाहन चालन के नियमों को जनमानस को दिये जाने हेतु यह जागरूकता अभियान 19 मार्च तक आयोजित की जा रही है। नियमों के विरूद्व वाहन का चालन कर रहे वाहन चालकों से बंधपत्र भरवाया जा रहा है तथा उन्हें मोटर यान अधिनिमय के तहत् लगने वाले जुर्माने की राशि की भी जानकारी दी जा रही है।