अवैध प्लोटिंग को लेकर कभी किसान तो कभी खरीददार हो रहे धोखे का शिकार
दुर्ग / दुर्ग शहर एवं दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग का खेल धड़ल्ले से चल रहा है बिना अनुमति के मुरुम की सड़क बनाकर प्लाट कटिंग कर बेचने का अवैध कारोबार इन दिनों आसानी से देखा जा रहा है । बीते कुछ दिनों में अवैध प्लोटिंग को लेकर जिला कलेक्टर ने सख्त कारवाही करते हुए कई नक्शे खसरे नंबर की भूमि की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी, लेकिन उसके बावजूद अवैध प्लाटिंग करने वालों का हौसला बुलंद हैं । शिकायतों के बाद भी मॉनिटरिंग के लिए प्रशासनिक टीम स्थलों पर नहीं पहुंच रही है । आपको बता दें कि एक बार फिर शहर एवं गावों के अलग-अलग हिस्सों में अवैध प्लाटिंग तेजी से चल रही है । स्थानीय स्तर पर भी इसका विरोध भी हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार अफसर कार्रवाई को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं ।
ऐसा बताया जा रहा है कि अवैध प्लाटिंग का काम जो कॉलोनाइजर्स कर रहे हैं, उनका रेरा में पंजीयन तक नहीं हैं । किसानों की खेती जमीन का सौदा कर उन्हें प्लाट के रुप में टुकड़े कर रहे हैं, जिन्हें खुद का प्रोजेक्ट बताकर बेचा जा रहा है । जिसके चलते कॉलोनाइजर्स खुद ही मुरुम की सड़कें भी बना रहे हैं । अवैध प्लोटिंग का कारोबार दुर्ग बाईपास, कोटनी, बोरसी धनोरा, पाटन जामगाव एम, पाटन मोतीपुर, झीट, अमलेश्वर, उतई, पुरई, कुरूद, अंजोरा और पुलगाव सहित कई ग्रामीण और शहरी इलाकों में आसानी से देखी जा सकती है ।
ऐसा ही एक मामला पाटन क्षेत्र का है जहा दलाल और अवैध कॉलोनाइजर्स मिलकर अवैध रूप से खेती की जमीन में प्लोटिंग कर रहे है और कृषि भूमि पर प्लोटिंग करने के लिए 30 से अधिक हरेभरे पेड़ काट दिए गए है, जिसको लेकर जब हमने पटवारी से इस बात की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कहा कि मामला मेरी जानकारी में आया है अगले दो दिन में कार्यवाही कर पाटन एस डी एम को रिपोर्ट सौपी जायेगी !