कोंडागांव भ्रष्टाचार: घटिया निर्माण की पोल खुलने के बाद भी बदस्तूर जारी है निर्माण कार्य, जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति
कोंडागांव। जिले में इन दिनों भ्रष्टाचार व अफरसाहि जोरो पर है, अधिकारी शिकायत मिलने पर कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति करते हुए नजर आते है क्योंकि संबंधित ठेकेदारों से उनकी पूरी साठगांठ होती है जिसका जीता जागता उदाहरण कोंडागांव में निर्माणाधीन 250 सीटर छात्रावास है। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते निर्माण एजेंसियां गुणवत्ता हीन निर्माण को अंजाम दे रहे हैं, परिणाम स्वरुप निर्माण के चंद महीनों बाद ही भवनों में दरारे आना, बारिश में छत से पानी का रिषना, जगह जगह टूट-फूट होने के मामले सामने आ रहे है।
आपको बता दे कि कोंडागांव में निर्माणाधीन 250 सीटर बालक छात्रावास भवन का गुणवत्ता हीन निर्माण कार्य महीने भर पूर्व सुर्खियों में रहा, लगभग 717. 79 लाख की लागत से कोंडागांव में निर्मित होने वाले भवन के गुणवत्ता हीन निर्माण की जानकारी होने पर कलेक्टर कोंडागांव पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने निर्माण स्थल पर पहुंच जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों कों निर्माणाधीन 250 सीटर बालक छात्रावास की गुणवत्ता जांच हेतु टीम गठित करने डिप्टी कलेक्टर कोंडागांव गौतम चंद पाटिल को निर्देशित किया। गठित टीम द्वारा जांच के पश्चात बिंदुवार जांच रिपोर्ट जिलाधीश कोंडागांव को सौंपा है। जांच में गुणवत्ता हीन निर्माण की सत्यता उजागर होने के पश्चात जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित निर्माण एजेंसी व अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही होगी। यह गंभीर सवाल है?
प्रमोद नेताम, उप अभियंता लोक निर्माण विभाग संभाग को़डागांव, आरएन उसेंडी अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग कोंडागांव व ठेकेदार द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें मापदंड के अनुसार नहीं बनाए जाने की कमियों को स्वीकार किया गया है।
जांच में पाई गई त्रुटियों को लेकर ठेकेदार ने लॉकडाउन के कारण मजदूरों का अभाव होने से क्यूरिंग ना होने व दीवारों को तोड़कर नई दीवाल बनाने तथा अनुभवहीन लोगों द्वारा निर्मित ईट का उपयोग की बाते उल्लेखित की है ।
वहीं विभागीय अधिकारियों ने ठेकेदार को कार्य में सुधार करते हुए कार्य करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन विभागीय अफसरों की आंखो मे धूल झोक ठेकेदार द्वारा पुनः निर्माणाधीन भवनों का गुणवत्ता हीन निर्माण जारी रखा है।
पुष्पेंद्र कुमार मीणा, कलेक्टर कोंडागांव-
जांच कमेटी से घटिया निर्माण की जांच रिपोर्ट आयी है, संबंधित इंजीनियर व एसडीओ को नोटिस जारी हुआ था, संतोषजनक जवाब न आने पर विभागीय कार्यवाही हेतु लिखा है, उक्त ठेकेदारों के चल रहे बाकी निर्माण कार्यों की जानकारी 7-8 दिन में आ सकती है। ठेकेदार के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी।