प्रदेश मे ऋण माफी के नाम पर फर्जीवाड़ा कर किसानों से हो रहा छलावा – लता उसेंडी

कोंडागांव। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सुश्री लता उसेंडी ने स्थानीय विश्राम गृह मे प्रेस वार्ता आयोजित कर प्रदेश मे कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ हो रहे धोखे से अवगत करवाते हुए सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि किसानों के माध्यम से एक मामला प्रकाश में आया है जिसमे किसान द्वारा ऋणमाफी से पहले की जमा की गई राशि सरकार ने ले ली है। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल व पी सी सी चीफ मोहन मरकाम एक तरफ तो ढिंढोरा पीटते फिरते है कि किसानों का कर्ज माफ हुआ है किंतु धरातल पर सत्यता कुछ और ही बयां कर रही है । अन्नदाता से छलावे का जीता जागता उदाहरण कोंडागांव जिले के ग्राम चिलपुटी से प्रकाश में आया है । किसान *सोनसाय – पिता घासिया, ग्राम चिलपुटी जिला कोंडागांव ने लैंप्स के माध्यम से दिनांक 05/06/2017 को 23 हजार 528 रुपए का कर्ज लिया था जिसकी ब्याज समेत राशि 25 हजार 816 रुपए बकाया निकलती है । इसी बीच उक्त किसान को ऋणमाफी का प्रमाण पत्र दिनांक 22/02/2019 को प्राप्त हुआ जिससे उक्त रकम का कर्ज माफ हुआ । किंतु किसान द्वारा दिनांक 15/10/2018 को संबंधित बैंक के लोन खाते मे 15000/- रुपए जमा करवाए गए ।
सवाल यह उठता है कि अगर किसान ने 15000/- रुपए का भुगतान किया है तो ऋण की रकम 25816/- रुपए में से 15000/- रुपए की राशि काट कर के कर्जमाफी होनी थी । और अगर उक्त राशि नही काटी गई है तो उसका समायोजन कहा हुआ? यह एक बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा है जो सरकार मे बैठे जिमेदारों द्वारा किया जा रहा है* । कोंडागांव जिले में ऐसे तीन से चार मामले प्रकाश में आए है । जब पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के विधानसभा क्षेत्र का यह हाल है तो समूचे प्रदेश में न जाने कितने किसानों के साथ ऐसा छलावा हुआ होगा । एक ओर सरकार प्रदेश के अन्नदाताओं का हक़ मार रही है तो वही दूसरी ओर मुख्यमंत्री, उनके मंत्रीगण और विधायक ढिंढोरा पीटते घूम रहे है की उन्होंने किसानों का कर्ज माफ किया है । ऐसे गंभीर मामले की स्पष्ट और सही दिशा में न्यायिक जांच समिति के माध्यम से त्वरित जांच होनी चाहिए। अगर ऐसे गंभीर मामले में त्वरित जांच व कार्यवाही नही होती तो भाजपा सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
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