Uncategorized

दुर्ग-भिलाई के विधायकों को राज्य बजट के पहले दिये ज्ञापन, Memorandum given before the state budget to the MLAs of Durg-Bhilai

कमजोर तबके के लिए राज्य के बजट में विशेष आबंटन के लिए की जा रही है मांग
भिलाई / युवा मुस्लिम विद्यार्थियों के संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसआईंओ) छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष मो. इमरान अजीज़ ने छत्तीसगढ़ राज्य के आगामी बजट के संदर्भ में दुर्ग विधायक अरुण वोरा और भिलाई विधायक देवेंद्र यादव से अलग-अलग मुलाकात कर विद्यार्थियों के हित मे सुझाव से संदर्भित ज्ञापन सौंपा। संगठन ने विधायक द्वय आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ में चल रहे विधानसभा सत्र में आने वाले शिक्षा बजट के लिए यह प्रस्ताव रखें। अरूण वोरा और देवेंद्र यादव ने इन सुझावों को सकारात्मक पहल बताते हुए राज्य सरकार तक संगठन की बातों को पहुंचाने का आश्वासन दिया। उल्लेखनीय है कि एसआईओ देश के अग्रणी विद्यार्थी संगठनों में से एक है, जो 38 साल से विद्यार्थी समुदाय के उत्थान के लिए देश भर में काम कर रहा है । संगठन की ओर से दिए गए सुझाव में कहा गया है कि राज्य के बजट का 6 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च होना चाहिए । कोरोना के प्रभाव को देखते हुए ऑनलाइन बुनियादी ढांचे और डिजिटल कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करने के लिए विशेष डिजिटल प्लेटफॉर्म के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। निर्धारित दूरी के मानदंडों के भीतर स्कूल उपलब्ध कराने के प्रयासों के माध्यम से विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों की उपलब्धता बढ़ाई जानी चाहिए।  राज्य में आवासीय स्कूलों की संख्या में बढ़ोतरी की जानी चाहिए।
संगठन ने मांग की है कि समाज के हाशिए पर पड़े और कमजोर वर्गों के विद्यार्थियों  के लिए विशेष/अनुपूरक/सांध्यकालीन कक्षाओं के लिए बजट आवंटित किया जाए। मूल्यवान संसाधन विकसित करने वर्तमान सामाजिक आवश्यकता के अनुसार राज्य विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम को अद्यतन कर फिर से तैयार किया जाए। एक निश्चित अवधि के बाद संविदा शिक्षकों को नियमित किया जाए, ताकि शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। राज्य विषय विशिष्ट शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए माध्यमिक शिक्षा पर निवेश करे। विशेष छात्रवृत्ति और फैलोशिप दी जाए विद्यार्थियों को एसआईओ ने राज्य सरकार से मांग की है कि अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति/अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति का फंड आवंटन बढ़ाया जाए। प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का उचित प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। किसी भी केंद्रीय और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रहे छत्तीसगढ़ के स्टूडेंट के लिए विशेष फैलोशिप दी जाए। इसी तरह जनजातीय समुदाय में स्कूल छोडऩे के मुद्दों के समाधान के लिए मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए । जनजातीय छात्रों की रुचि विकसित करने के लिए स्थानीय भाषा में पठन-पाठन सामग्री विकसित की जानी चाहिए। सुदृढ़ किया जाए पोस्ट मैट्रिक छात्रावास को एसआईओ ने मांग की है कि स्कूलों में टीचिंग लर्निंग मटेरियल (टीएलएम) का परिचय करवाया जाए।  निजी स्कूलों में आरटीई कार्यान्वयन की समीक्षा की जानी चाहिए ताकि स्कूल में हाशिए पर रहने वाले और कमजोर वर्गों की सीटें सुनिश्चित की जा सके। आवासीय सहायता के लिए शहरी क्षेत्रों में अल्पसंख्यक और अन्य पिछड़ों के समुदायों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण किया जाए। ब्लॉक स्तर पर पुस्तकालयों की स्थापना की जाए ।

Related Articles

Back to top button