सरकार की नाकामी का ठीकरा किसी और पर न फोड़े कांग्रेसी – अनीता नेताम
कोंडागांव। भारतीय जनता महिला मोर्चा कोंडागांव जिलाध्यक्ष अनीता नेताम ने राज्य सभा सांसद फूलोदेवी नेताम के महिला आंदोलन के नाम पर घड़ियाली आसू बहाने वाले और पूर्वर्ती भाजपा शासनकाल से तुलना वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्य सभा सांसद फूलोदेवी नेताम अपनी सरकार की नाकामी का ठीकरा दूसरों पर फोड़ रही है। उनका यह आरोप लगाना कि प्रदेश में पूर्व शासनकाल में कई घटनाएं हुई, यह वर्तमान सरकार की नाकामियों व वर्तमान परिस्थतियों पर पर्दा डालने का काम है। प्रदेश की पीड़ित महिलाओं के आँसू शायद सांसद महोदया को नजर नहीं आ रहे।
आलम यह है कि प्रदेश मे कानून व्यवस्था चरमरा गई है। आपराधिक प्रवृत्ति के कुछ असामाजिक तत्व प्रदेश मे अन्याय, अत्याचार, माफियाराज, बलात्कार व चाकूबाजी का पर्याय बन चुके है। बीते दो वर्षो में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न व शोषण, आदिवासी महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार आदि के ग्राफ मे बेहिसाब उछाल आया है। माननीय सांसद फूलोदेवी नेताम से पूछना चाहूंगी कि वे किस आधार पर राजनैतिक नैतिकता व शुचिता की बात करती है जबकि उनके अपने क्षेत्र केशकाल व कोंडागांव मे महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार से वो स्वयं भलीभांति परिचित है। केशकाल का धनोरा कांड किसी से छिपा नहीं है, कोरबा जिले के लेमरू गाव के पहाड़ी कोरवा वाली घटना इतनी भयावह है। भाजपा मजबूती से प्रदेश के महिलाओं के हक मे आवाज़ बुलंद कर आंदोलन करते है तो आपको उसमें भी राजनैतिक मुद्दों का दिवालियापन नजर आ रहा है। विगत 20 जनवरी को सातगाव मे 13 वर्ष की नाबालिग बच्ची के साथ हुई जघन्य घटना की रिपोर्ट थाने मे दर्ज होने के पश्चात भी प्रशासन द्वारा कार्यवाही न किए जाने पर जब महिला मोर्चा कोंडागांव इकाई ने इस ओर ध्यान आकृष्ट किया तब कही जाकर आरोपी की गिरफ्तारी हुई। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ऐसी घटनाओं पर मौन क्यों है? आज प्रदेश की जर्जर कानून व्यवस्था, हत्या, लूट, बलात्कार की घटनाओं में जो चौतरफा इजाफा हुआ है क्या इसके लिए प्रदेश सरकार की जवाबदेही नही बनती ? शासन को चाहिए कि स्मार्ट पुलिसिंग पर बल दिया जाए, हिंसा के विरुद्ध व्याप्त कानून की जानकारी देकर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता बढ़ाई जाए, नशाखोरी बंद हो एवं महिला स्वावलंबन की दिशा में योजनाएं बने। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार पर बल दिए जाने के साथ ही उनकी सुरक्षा करने की आवश्यकता है जिससे समाज को सही दिशा मिले। मातृत्व शक्ति के स्वावलंबन से अंततः हमारे प्रदेशवासी खुशहाल होंगे और हमारा छत्तीसगढ़ प्रदेश तरक्की की राह मे आगे बढ़ेगा ।