मानवता दिवस पर मानसिक रोगी की सहायता कर की गई मिशाल पेशDistrict Food Department distributed e-POS machine An example was presented by helping the mentally ill on Humanity Day

मानवता दिवस पर मानसिक रोगी की सहायता कर की गई मिशाल पेश
कवर्धा, 24 अगस्त 2021। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने 19 अगस्त कथित रूप से मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति श्री रवि शर्मा, साकिन पाण्डातराई को उनके परिवारजन माता एवं बहन द्वारा उपस्थित किया गया। उस व्यक्ति द्वारा गांव में गंदी गाली गलौच करना, किसी को भी जान से मार दूंगा बोलना एवं अन्य गलत हरकते करना बताया गया। परिजनों द्वारा यह भी बताया गया कि बहन और मॉ का गला दबाने का प्रयास भी उक्त व्यक्ति द्वारा किया गया था, तब वे लोग भागकर पड़ोसी के घर में रात गुजारने को मजबूर हुये थे। जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रीमती नीता यादव के निर्देशानुसार, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अमित प्रताप चन्द्रा द्वारा प्रकरण का संज्ञान लिया गया।
संबंधित थाने को सूचित किया गया। थाने के आरक्षक तथा पैरालिगल वालिन्टियरों के माध्यम से उक्त मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति को जिला चिकित्सालय कबीरधाम भेजकर मुलाहिजा कराया गया, जहॉ संबंधित चिकित्सक द्वारा उक्त व्यक्ति को मानसिक रूप विक्षिप्त होना बताते हुए उसे मानसिक चिकित्सालय, सेन्दरी, बिलासपुर रेफर किये जाने के लिए रिपोर्ट प्रेषित किया गया। तत्पश्चात् श्री नरेन्द्र कुमार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा उक्त व्यक्ति को ईलाज हेतु मानसिक चिकित्सालय सेन्दरी, बिलासपुर भेजे जाने के लिए रिशेप्सन आदेश जारी किया गया। आदेश पश्चात् तुरन्त ही सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय के माध्यम से एक एम्बुलेंस की व्यवस्था कर उक्त मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति को उनके परिवारजनों तथा थाना पाण्डातराई के आरक्षकगण सहित मानसिक चिकित्सालय, सेन्दरी बिलासपुर रेफर किया गया। उक्त कार्य में पैरालिगल वालिन्टियर्स श्री तरूण सिंह ठाकुर, श्री हरिराम यादव, श्री हेमन्त चन्द्रवंशी एवं श्रीमती प्रभा गहरवार सहित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कबीरधाम के समस्त कर्मचारीगणों का योगदान रहा।
ज्ञातव्य हो कि 19 अगस्त को विश्व मानवतावादी दिवस भी था। जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कबीरधाम के अध्यक्ष श्रीमती नीता यादव के मार्गदर्शन में संबंधित थाना, जिला चिकित्सालय, प्राधिकरण के अन्य कर्मचारीगण, पी.एल.व्ही.गण द्वारा मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाते हुए उक्त व्यक्ति के उचित ईलाज हेतु आवश्यक कार्यवाही की गई।