प्रत्येक व्यक्ति अल्पज्ञ और अल्पशक्तिमान् है-ज्योतिष कुमार प्रत्येक व्यक्ति अल्पज्ञ और अल्पशक्तिमान् है, उसे अनेक प्रकार की सहायता चाहिए।
प्रत्येक व्यक्ति अल्पज्ञ और अल्पशक्तिमान् है-ज्योतिष कुमार प्रत्येक व्यक्ति अल्पज्ञ और अल्पशक्तिमान् है, उसे अनेक प्रकार की सहायता चाहिए। इसके लिए ईश्वर और समर्थ मनुष्यों से प्रार्थना करें। इससे आपको सहायता भी मिलेगी और आपका अभिमान भी नष्ट हो जाएगा।
कोई भी मनुष्य सर्वज्ञ सर्वशक्तिमान् नहीं है। वह अकेला नहीं जी सकता। करोड़ों व्यक्तियों की सहायता लेनी पड़ती है, तब जाकर उसका जीवन कुछ ठीक-ठाक चलता है। आज आपके पास जितने भौतिक साधन हैं, और जितनी विद्या है, ये सब आप अकेले उत्पन्न नहीं कर सकते। न इनकी सुरक्षा कर सकते। *उदाहरण के लिए, आपके पास शरीर मन बुद्धि इंद्रियां आदि, रोटी कपड़ा मकान स्कूटर कार रेडियो टेलीविजन कंप्यूटर मोबाइल फोन और अनेक प्रकार की विद्या इत्यादि सैकड़ों चीजें हैं। ये सब आपने स्वयं अकेले नहीं बनाई, न बना सकते हैं। इनकी उत्पत्ति और सुरक्षा करने में आपको ईश्वर तथा करोड़ों मनुष्यों का सहयोग लेना पड़ता है।*
ईश्वर ने मन बुद्धि इंद्रियां शरीर, पृथ्वी जल अग्नि वायु आकाश ये पंचमहाभूत सूर्य चंद्रमा तारे पर्वत नदियां समुद्र खनिज पदार्थ पेट्रोलियम पदार्थ तरह तरह के फल फूल शाक सब्जी अनाज औषधियां वनस्पतियां इत्यादि वस्तुएं बनाई। ईश्वर की बनाई इन वस्तुओं के बिना आप सुख पूर्वक नहीं जी सकते।
ईश्वर के अतिरिक्त अब मनुष्यों का सहयोग देखिए। किसान खेत में अनाज का उत्पादन करता है। वह कितने ही साधनों मशीनों की सहायता लेता है, तब अनाज फल फूल शाक सब्जी आदि उत्पन्न होता है। फिर वह अनाज को तैयार करके बड़ी बड़ी मंडियों में बेचता है। मंडी से छोटे व्यापारी अनाज खरीद कर ले जाते हैं। उनसे खरीद कर आप अपने घर पर अनाज लाते हैं। फिर आटा चक्की पर अनाज को पिसवाते हैं। उसके बाद घर लाकर आटा गूंधकर रोटियां बनाते हैं। भोजन बनाने में गैस चूल्हा चकला बेलन और न जाने क्या-क्या, जीवन में आप सैकड़ों चीजों का आप प्रयोग करते हैं। ये सब वस्तुएं, देश में करोड़ों मनुष्यों के सहयोग से उत्पन्न हुई, और आप तक पहुंची हैं।*
अब बताइए, इतनी चीजें क्या आप स्वयं बना सकते हैं? इनको ठीक-ठाक सुरक्षित रख सकते हैं? यह सब काम आप अकेले नहीं कर सकते। इस प्रकार से आप ईश्वर तथा करोड़ों मनुष्यों के सहयोग से ठीक ठाक जी पा रहे हैं।
*ऐसे ही शरीर में अनेक रोग आते हैं। उस समय आप को डाक्टर वैद्य चिकित्सकों की सलाह और सहायता लेनी पड़ती है। अनेक औषधि बनाने वाली कंपनियां आपके लिए औषधियां बनाती हैं, जिनकी सहायता से आप रोग निवारण करने में और स्वास्थ्य प्राप्त करने में समर्थ हो पाते हैं।
ऐसे ही जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं आ जाती हैं। आर्थिक कमी, व्यापार में मंदी इत्यादि अनेक कारणों से बहुत कठिनाइयां जीवन में आती रहती हैं। *ऐसी कठिनाइयों में यदि आप ईश्वर से प्रार्थना करें, उसके अनुकूल पुरुषार्थ परिश्रम करें, तथा समर्थ मनुष्यों से भी सहयोग मांगें, प्रार्थना निवेदन करें, तो इससे आपको दो लाभ होंगे। एक तो – जो आपके अंदर व्यर्थ का अभिमान भरा हुआ है, कि मैं सर्वशक्तिमान हूं। मैंने ही अपना पूरा घर बनाया है। मैं ही घर का संचालक रक्षक इत्यादि सब कुछ हूं। यह सारा अभिमान नष्ट हो जाएगा। और जब आप प्रार्थना करेंगे, तो दूसरा लाभ यह होगा कि ईश्वर तथा सामर्थ्यवान मनुष्यों से आपको सहयोग भी मिलेगा।
इसलिए ईश्वर से प्रतिदिन प्रार्थना करनी चाहिए कि — हे ईश्वर! आप हमें अच्छी बुद्धि दीजिए, हम अच्छे काम करेंगे, बुरे काम नहीं करेंगे। हम सभ्यता नम्रता से अपना जीवन जिएंगे। आप हमें धन बल विद्या बुद्धि शरीर स्वास्थ्य इत्यादि सब चीजें प्रदान करें। और ऐसे ही आवश्यकता पड़ने पर समर्थ मनुष्यों से भी प्रार्थना निवेदन करें, तो आपको बहुत सारा सहयोग मनुष्यों से भी मिलेगा और आपकी अनेक समस्याएं हल हो जाएंगी। आपका जीवन सुखमय बनेगा।