सुखमय जीवन जीने के लिए, धन भी आवश्यक है, और संबंध भी- ज्योतिष

*सुखमय जीवन जीने के लिए, धन भी आवश्यक है, और संबंध भी- ज्योतिष*
। इन दोनों को बनाए रखना कठिन है, और दोनों को खो देना सरल है।
सुख पूर्वक जीवन बिताने के लिए बहुत सी वस्तुएं आवश्यक होती हैं। जिनमें धन एवं संबंध, ये दोनों प्रमुख स्थान रखते हैं।
धन के बिना जीवन सुचारू रूप से नहीं चलता। गरीबी में लोग बहुत परेशान होते हैं। खाने रहने की सुविधा ठीक नहीं मिलती। यात्रा आदि में कष्ट होता है। अच्छा भोजन अच्छे वस्त्र अच्छे मकान की प्राप्ति धन के बिना नहीं हो सकती। यान आदि साधन भी धन से ही खरीदे जाते हैं, इत्यादि प्रकार से धन बहुत ही उपयोगी वस्तु है। इसकी प्राप्ति में बहुत परिश्रम और सुरक्षा में बहुत ध्यान देना पड़ता है।
इसी प्रकार से जीवन को सुखमय बनाने के लिए कुछ संबंध भी आवश्यक होते हैं, जो आपत्ति काल में हमारी सहायता करते हैं। माता-पिता भाई-बहन चाचा मामा मौसी बुआ अथवा मित्र मंडल इत्यादि के साथ संबंध भी बनाने पड़ते हैं। इन संबंधों को सुरक्षित भी रखना पड़ता है। जब जीवन में सुख आता है, तब इन्हीं संबंधियों के साथ मिलकर वह सुख भोगा जाता है। अनेक संबंधियों के साथ मिलकर जब सुख भोगा जाता है, तो सभी का सुख बढ़ता है। ऐसे ही जब जीवन में दुख आते हैं तो मित्र संबंधियों के साथ दुख बांटने से दुख कम हो जाता है, और व्यक्ति का जीवन आसान हो जाता है। कोई ना कोई उस दुख का निवारण करने वाला हमारी सहायता कर देता है, उस दुख का निवारण हो जाता है। और जीवन फिर से सामान्य गति में वापस लौट आता है।
इसलिए धन भी आवश्यक है और संबंध भी।
इस प्रकार से धन कमाने में भी बहुत परिश्रम करना पड़ता है तथा संबंध बनाने में भी।
धन कमा लिया। फिर इसकी सुरक्षा करनी होती है। इसी प्रकार से संबंध बन गए उनकी भी सुरक्षा रखनी पड़ती है। यदि इन पर ध्यान न दिया जाए, तो धन खो सकता है तथा संबंध टूट सकते हैं। यदि ऐसा होता है, तो जीवन फिर कठिन हो जाएगा।
लोग धन कमाने में और उसकी सुरक्षा करने में तो बहुत प्रयत्न करते हैं। जितना प्रयत्न धन के लिए करते हैं, इतना प्रयत्न अच्छे संबंध बनाने और उनकी सुरक्षा में नहीं करते। तो इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।
*जितना ध्यान आप धन को कमाने और सुरक्षा करने में रखते हैं, उतना ही ध्यान संबंध बनाने और उनकी सुरक्षा में भी रखना चाहिए। दोनों के सुरक्षित रखने से आपका जीवन बहुत सुखमय रहेगा। धन और संबंध दोनों की रक्षा करना कठिन है। और इन दोनों को खो देना सरल है। इसलिए सावधान रहें, धन और संबंध, इन दोनों की सुरक्षा करें।*