भूम काल समाचार के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला को कई तरह से धमकियां मिल रही है, जिसका समूचे प्रदेश भर में विरोध किया जा रहा है, हाल ही में निलंबित टी०आई० अमर कोमरे वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला को धमकी देते सुर्खियां बटोर रहा है, आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ प्रदेश का इकलौता होटल कांकेर में है जिसका खुद का हेलीपैड है, जिसका स्वामी टी०आई० अमर कोमरे है। जहां पर जिला प्रशासन के देख-रेख में हर वह दो नंबर के धंधे होते हैं जिसे हम सामाजिक बुराई के तौर पर जानते हैं। निलंबित टी०आई० को अपने पैसे का गुरुर इतना है कि वह अपने आप को धरती का भगवान समझने लगा है। कोमरे को यह चुनौती स्वीकार करनी पड़ेगी यदि कमल शुक्ला व सहयोगी पत्रकारों को आंच भी आई तो अंजाम देखने लायक नहीं रहेगा।
वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला के फेसबुक वॉल से यह पोस्ट हू-ब-हू समर्पित…
कांकेर कलेक्टर के खिलाफ पत्रकारों की तरफ से आंदोलन में मैं खुद भी सक्रिय हूं, दूसरा धमकी देने वाला खुद कांकेर का टीआई ही रह चुका है, यह सही है कि इनकी दुश्चरित्रता को लेकर मैंने तथ्य के साथ खबर बनाएं हैं, कांकेर में इनका थ्री स्टार होटल है हीरा पैलेस जिसमें अवैध रूप से बार चल रहा है, इस बात को लेकर भी मैंने खबर लिखा है अब देखिए यह व्यक्ति मुझे फोन कर जान से मारने की धमकी भी दे रहा है।
कांकेर के पुलिस और प्रशासन दोनों पर कोई भरोसा नहीं है इसलिए मैं रिपोर्ट लिखाना उचित नहीं समझ रहा हूं, सोशल मीडिया के माध्यम से सभी साथियों को सूचित कर दे रहा हूं कि इसने 18 सेकंड के काल में मुझे बस इतना ही कहा है कि “अब मेरी जिंदगी बस एक दो दिनों की मेहमान है”।
कांकेर के युवा नेता जिस पर जिला बदर की प्रक्रिया चल चुका है, की धारा 188 को तोड़कर पिछले 1 सितंबर को जन्मदिन की पार्टी इन्हीं के होटल में हुई थी जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए थे किसी पार्टी में प्रख्यात युवा नेता कन्हैया कुमार और कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी एल पुनिया भी आने वाले थे । मगर कांकेर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने इस होटल पर कोई कार्यवाही नहीं की जबकि कांकेर जिले में लगातार कोरोना तेजी से फैलते जा रहा है इस बात की भी खबर मैंने सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल किया था।
कांकेर कलेक्टर के खिलाफ लगातार छप रहे समाचारों को लेकर भी इनकी नाराजगी मेरे को लेकर थी और यह कई मेरे मित्रों के माध्यम से मुझ तक पहुंचा चुके हैं अतः मैं इनके द्वारा दिए गए जान से मारने की धमकी को फिलहाल तो एक सामान्य प्रतिक्रिया मानकर छोड़ रहा हूँ, मगर क्योंकि यह व्यक्ति घोर खुराफाती पुलिस अधिकारी के रूप में चर्चित रहा है और अपराधियों से इसके संबंध जगत विख्यात है (सुनने में तो यह भी आया है कि इनके होटल में कई फरार आरोपी छिपे हुए हैं) इसलिए यह पोस्ट डाल दिये रहता हूँ कि वक्त बेवक्त काम आए। गर “एक दो दिन” निकल गया और जिंदा रहा तो 2 अक्टूबर को पत्रकारों के जेल भरो आंदोलन में जरूर मिलेंगे।
साभार भारत सम्मान