रोजगार कैंप में 129 प्रवासी श्रमिकों की हुई स्किल मैपिंग, 10 लोगों को तुरंत मिल रोजगार
दुर्ग । लाकडाउन के दौरान लौटे श्रमिकों को रोजगार दिलाने रोजगार कैंप का आयोजन किया जा रहा है। इस तरह का पहला कैंप दुर्ग ब्लाक में हुआ। इसमें 13 नियोक्ताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने 129 प्रवासी श्रमिकों को स्किल मैंपिंग के लिए चिन्हांकित कर लिया। नियोक्ताओं ने 10 प्रवासी श्रमिकों का चयन भी कर लिया। इसमें मशीन आपरेटर, बायलर अटेंडेंट जैसे पद में काम कर रहे श्रमिक भी शामिल थे। रोजगार कैंप में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे भी पहुंचे। कलेक्टर ने प्रवासी श्रमिकों और नियोक्ताओं दोनों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को रोजगार चाहिए और आपको कुशल श्रमिक। इसके लिए स्किल मैंपिंग की पहल जिला प्रशासन द्वारा की गई है। तीनों ब्लाक में रोजगार कैंप का आयोजन किया गया है। हमने प्रवासी श्रमिकों के स्किल डेवलपमेंट की कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है। हम स्थानीय विशिष्ट जरूरतों के मुताबिक लोगों की स्किल मैपिंग कर रहे हैं। पिछली बार इस संबंध में बैठक भी ली थी। इसमें हमने सभी औद्योगिक एसोसिएशन के पदाधिकारियों से पूछा कि उनकी जरूरत क्या है। इस दिशा में हम लोग काम कर रहे हैं। पंचायतों में लौटने वाले लोगों का हमने डाटा बेस बनाया है। जैसे-जैसे औद्योगिक स्थिति बेहतर होती जाएगी, हमारा डाटाबेस औद्योगिक समूहों के लिए उपयोगी होता जाएगा और उन्हें यहीं स्थानीय स्तर पर ही कुशल लोग मिल जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने विशिष्ट कार्य जरूरतों का चयन भी किया है। बैठक में और औद्योगिक संघों से लिए लगातार फीडबैक से हमने पाया कि कुछ लोग जो विशिष्ट कार्य करते थे, लाकडाउन के दौरान बाहर चले गए। इसी तरह ऐसे कुछ लोग बाहर से भी आए। हमारी लगातार कोशिश रही है कि नियोक्ता को कुशल श्रमिक और कुशल श्रमिक को नियोक्ता मिल जाए। अपने डाटाबेस के आधार पर हम लोग ऐसा समन्वय कर रहे हैं। अधिकारियों की और औद्योगिक एवं व्यापारिक संघ के पदाधिकारियों की बैठक का अच्छा लाभ यह हुआ कि हम लोग औद्योगिक क्षेत्र में कार्य कर रहे श्रमिकों की विशिष्ट जरूरत समझ सकें हैं और इसके अनुरूप लोगों को दक्ष करने की योजना पर काम कर रहे हैं। स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में हम लगातार यह कार्य कर रहे हैं कि अपनी औद्योगिक जरूरतों के मुताबिक दक्ष लोग तैयार करें। अच्छी बात यह है कि हम स्कूलों में भी ऐसा कोर्स कर रहे हैं ताकि छात्र इस दौरान भी वोकेशनल कोर्स कर पाएं। नियोक्ताओं ने इस पहल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमें यह अच्छा लग रहा है कि हमारी जरूरत के मुताबिक स्किल डेवलपमेंट पर सोचा जा रहा है और कार्य किया जा रहा है। हम लगातार इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि प्रवासी श्रमिकों को उचित रोजगार मिल जाए। स्थानीय स्तर पर नौकरी मिल जाने से उन्हें बाहर में रहने एवं बार-बार आने जाने का खर्च भी बच सकेगा। इस दौरान उपसंचालक जनशक्ति नियोजन राजकुमार कुर्रे एवं जीएमडीआईसी राजीव शुक्ला भी उपस्थित थे।