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बैलगाड़ी में बैठकर गौठान पहुंचे मुख्यमंत्री और किये गोधन न्याय योजना की शुरुआत

कहा जैविक कृषि की ओर यह बड़ा कदम

गौठान में एक एकड़ में बनेगा ग्रामीण आजीविका केंद्र

दुर्ग । हरेली में पाटन से किसानों और पशुपालकों के लिए बड़ी योजना की शुरुआत हुई। गोधन न्याय योजना के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोबर क्रय कर योजना की शुरुआत की। इसकी शुरुआत भी उन्होंने परंपरागत तरीके से की। बैलगाड़ी से आये, नागर की पूजा की और गायों की पूजा की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से न केवल किसानों, पशुपालकों की आय बढ़ेगी अपितु जैविक खेती के लिए भी रास्ता खुलेगा। मिट्टी की उर्वरता को बचाने के लिए गोधन के पूर्ण इस्तेमाल के लिए यह बहुत आवश्यक है कि हम ऐसे जैविक उपाय अपनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पशुधन थे फिर बोझ हो गए जबकि सही तरीके से इस्तेमाल से पशुधन का संवर्धन भी होगा और तरक्की की राह भी खुलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर का क्रय होने से लोग पशुधन को घर में ही रखेंगे। इससे फसल भी सुरक्षित होगी। गोबर की वजह से पशुओं को पर्याप्त चारा भी उपलब्ध कराएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ऐसे कार्य कर रहे हैं जिनसे प्रचलित मान्यताएं टूट रही है। जैसे कि छत्तीसगढ़ी में घाना है कि गुड़ गोबर होना। अब जबकि गोबर बिकेगा तो यह घाना भी बदलेगा। यह गोधन को समझने का, बुजुर्गों के बताए हुए परम्परागत ज्ञान की ओर बढऩे का रास्ता है।  इस मौके पर मुख्य सचिव आरपी मंडल, पीसीसीएफ  राकेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू , कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती एम गीता, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, संभागायुक्त जी आर चुरेन्द्र, आईजी विवेकानंद सिन्हा, संचालक कृषि  नीलेश क्षीरसागर,  कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसपी प्रशांत ठाकुर, जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर विधायक भिलाई देवेंद्र यादव, खनिज विकास निगम के चेयरमैन गिरीश देवांगन, पूर्व विधायक  प्रदीप चौबे, नगर पंचायत अध्यक्ष भूपेन्द्र कश्यप, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक साहू एवं जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे।

मनरेगा में 36 लाख रोजगार-

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि मनरेगा के माध्यम से 35 लाख रोजगार सृजित किये गए जो देश में अधिकतम है। कोरोना लॉक डाउन के दौरान हमने सरपंचों को इस संबंध में प्रेरित करना आरंभ कर दिया था। इसका अच्छा परिणाम हुआ।

रोजगार ठौर कहे जाएंगे ग्रामीण आजीविका केंद्र-

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गौठान को ग्रामीण आजीविका केंद्र के रूप में विकसित कर रहे हैं। यहां एक एकड़ भूमि में रोजगार केंद्र बनेगा। इसे रोजगार ठौर के नाम से जाना जाएगा।

सुपोषण अभियान के द्वितीय चरण की शुरुआत-

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सुपोषण अभियान के द्वितीय चरण की शुरुआत की। इसके लिए 300 दिन की कार्ययोजना बनाई गई है। इसकी बुकलेट का विमोचन भी मुख्यमंत्री ने किया।

नालों की रिचार्जिंग पर दे रहे ध्यान-

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग 1300 नालों की रिचार्जिंग पर काम कर रहे हैं। यह बड़ा कार्य है। इसके माध्यम से भूमिगत जल का तेजी से रिचार्ज होगा। जंगलों में भी फलदार पौधों का रोपण हो रहा है। बंदरों की वजह से ग्रामीण काफी परेशान होते हैं। अपने पर्यावास में ही पर्याप्त आहार मिल जाने से उन्हें गांवों की ओर रुख नहीं करना होगा। इस तरह ग्रामीण सरोकार के छोटे छोटे कार्यों से बड़ा बदलाव संभव है।

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