कोरोना के खौफ से मिनी बसों को नहीं मिल रही सवारियाँ

रायपुर से दुर्ग के बीच नहीं भर पा रही पचास फीसदी सीटें
सीमित बसों में लंबे अंतराल का भी नहीं मिल रहा लाभ
BHILAI:-रविवार से शुरू हुई मिनी बसों के परिचालन को यात्रियों का खास प्रतिसाद नहीं मिल पा रहा है। रायपुर से दुर्ग के बीच परिवहन विभाग के शर्तों के तहत मिनी बसों के पचास फीसदी सीटें तक नहीं भर पा रही है। बसों की संख्या सीमित होने से बनी आवाजाही के लंबे अंतराल का भी कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है।
सवारी बसों के संचालन को लेकर परिवहन विभाग और बस मालिकों के बीच नियम शर्तों को लेकर बनी तनातनी खत्म होने के बाद रविवार से परिचालन शुरू हो गया है। शुरुवाती चरण में सीमित संख्या में बसों का परिचालन शुरू किया गया है। बावजूद इसके रायपुर से दुर्ग के बीच सबसे व्यस्ततम माने जाने वाले रूट पर संचालित मिनी बसों में सवारियों का टोटा बना हुआ है।
कोरोना संक्रमण के लिहाज से फिलहाल पड़ोसी जिला राजनांदगांव संवेदनशील बना हुआ है। इसके चलते दुर्ग से रायपुर के लिए चलने वाली मिनी बसों का राजनांदगांव से लिंक नहीं मिल पा रहा है। दरअसल रायपुर से दुर्ग के बीच चलने वाली मिनी बसों में राजनांदगांव से आने जाने वाली बसों के सवारियों का आदान प्रदान होता है। अभी कोरोना संक्रमण के चलते राजनांदगांव शहर के कई इलाके कंटेनमेंट जोन बने हुए हैं। लिहाजा लोगों में भिलाई-रायपुर जाने के प्रति भय बना हुआ है। इसका असर दुर्ग-रायपुर बस सेवाओं पर पडऩे से सवारियों का टोटा बना हुआ है। भिलाई से दुर्ग और कुम्हारी के बीच भी लोगों की ज्यादातर आवाजाही आटो अथवा मिनीडोर जैसे सवारी वाहनों में हो रही है। इसके चलते भी मिनी बसों को सवारी मिल नहीं पा रहा है। बसों की संख्या कम होने से स्वाभाविक तौर पर बढ़े समयांतराल का भी कोई फायदा नजर नहीं आने से बस आपरेटर और मालिकों में नुकसान को लेकर संशय की स्थिति बन रही है। गौरतलब रहे कि कोरोना संक्रमण की संभावना को देखते हुए 21 मार्च 2020 से सवारी बसों के परिचालन पर प्रदेश सरकार ने रोक लगा दी थी। इस बीच अनलॉक वन के शुरु होने के बाद सीमित संख्या में नियम व शर्तों के तहत बसों के परिचालन को शुरू करने का प्रशासनिक आदेश जारी किया गया। कुछ बातों को लेकर प्रशासन और बस आपरेटरों के बीच तनातनी की स्थिति भी बनी। आखिरकार स्थितियों को सामान्य बनाकर रविवार 5 जुलाई से सवारी बसों का परिचालन शुरू कर दिया गया है। लेकिन कोरोना संक्रमण के खौफ से बसों में सवारियों की कमी बनी हुई है। यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि प्रदेश भर में रायपुर से दुर्ग के बीच के रूट को निजी बसों के परिचालन की दृष्टि से बेहद व्यस्तम माना जाता है। कोरोना महामारी के चलते घोषित लॉकडाउन से पहले सामान्य दिनों में इस रूट पर मिनी बसों के परिचालन का समयांतराल महज पांच मिनट का रहता था। बावजूद इसके बस आपरेटरों को किसी प्रकार से भी सवारियों की कमी का सामना नहीं करना पड़ता था, जिससे उन्हें फायदा मिलता था। लेकिन अब सरकारी गाइड लाइन के अनुसार एक बस में कुल सीट के 50 प्रतिशत सीटों पर ही सवारी बिठानी है। इस पर भी सवारियों का टोटा बने रहने से बस संचालकों को मुनाफे की जगह नुकसान उठाना पड़ सकता है।