छत्तीसगढ़

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा के सरकारी डॉक्टर खुलेआम चला रहे हैं प्राइवेट क्लीनिक

जांजगीर चांपा के मालखरौदा कान्हा तिवारी

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा के सरकारी डॉक्टर खुलेआम चला रहे हैं प्राइवेट क्लीनिक एवं प्राइवेट पैथोलॉजी सूचना तंत्र के माध्यम से पता चला है कि ओपीडी में यहां के डॉक्टर समय पर नहीं बैठते हैं रात्रि में आपातकालीन सेवा नहीं दे पाते हैं और कोरोना के इस भयावह स्थिति में भी डॉक्टर ने अपने प्राइवेट क्लीनिक की तरफ ज्यादा ध्यान देते हुए नजर आते हैं इसका प्रत्यक्ष उदाहरण समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

 

मालखरौदा के पूर्व प्रभारी bmo कृष्णा सिदार द्वारा संचालित क्लीनिक कलमी रोड में देव पैथोलॉजी के पास स्थित के है ज्ञात हो कि कृष्णा सिदार क्लिनिक एवं देव पैथोलॉजी दोनों ही नर्सिंग होम एक्ट के तहत अवैध है यह भी पता लगा है कि डॉ कृष्णा सिदार अपने क्लीनिक में ज्यादा समय देते हैं मरीजों का कहना है कि वह सरकारी अस्पताल में सरकारी समय में अधिकांश मिलते नहीं हैं यही हाल डॉक्टर कात्यायनी सिंह का भी है जिनके बारे में भी हमेशा शिकायतें मिलती रहती हैं ये भी ओपीडी में समय पर नहीं बैठती हैं एवं रात्रि कालीन सेवा उनका भी बहुत खराब स्थिति है अर्थात रात्रि में उठकर नहीं आती हैं मुख्यालय अस्पताल से दूर है डॉक्टर कात्यायनी क्लीनिक के बाजू में संभव पैथोलॉजी संचालित हो रहे हैं वर्तमान में संभव पैथोलॉजी के संचालक को करोना पॉजिटिव पाया गया है इस स्थिति में पूरा अस्पताल दहशत में है और जनता परेशान नजर आ रहे हैं दर-दर भटक रहे हैं मालखरौदा अस्पताल के बारे में जनता की हमेशा से शिकायत रही है कि यहां के बीएमओ हमेशा प्राइवेट प्रैक्टिस पर ज्यादा एवं अस्पताल पर कुछ ही घंटे ध्यान देते हैं जबकि जबकि छत्तीसगढ़ शासन के नियमानुसार ओपीडी प्रातः 8:00 बजे से प्रारंभ होती है तो लगातार 1:00 बजे तक एवं शाम के 4:00 बजे से लेकर शाम को 6:00 बजे तक बैठने का नियम है लेकिन मालखरौदा के डॉक्टर इन नियमों का धज्जियां उड़ाते हुए नजर आते रहते हैं और इतना ही नहीं कुछ स्वार्थी प्रवृत्ति के व्यक्ति उन्हें बढ़ावा देते हुए नजर आते हैं वर्तमान में कोरोना जैसे इस भयावह संकट में भी यहां के डॉक्टर धड़ल्ले से घूसखोरी एवं एवं लापरवाही से नहीं चूक रहे हैं जिसकी शिकायत आए दिन शासन-प्रशासन की ओर प्रेषित होते रहती है लेकिन प्रशासन अब तक मौन बैठी है हताश होकर जनप्रतिनिधि समझ नहीं पा रहे हैं आखिरकार मालखरौदा का bom इतना पावरफुल तानाशाही क्यों हो जाते हैं लेकिन वर्तमान में सारे जनप्रतिनिधि एकत्रित होकर के
यह ठान लिया है कि इस बार इस प्रकार के लापरवाह तानाशाह एवं भ्रष्टाचार युक्त बीएमओ को उखाड़ फेकेंगे तथा योग्य बीएमओ की मांग करेंगे आए दिन यह बात मीडिया में चलते हुए नजर आते रहती है अब देखना यह होगा शासन इसे कितनी गंभीरता से लेती है एवं मालखरौदा के जनता जनप्रतिनिधियों को कितना शीघ्र लाभ मिल पाएगा यह तो समय ही बताएगा मीडिया कर्मी का कर्तव्य है सच्चाई सामने लाना

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