भाजपा से इस्तीफा देने के बाद बढती जा रही है प्रीतपाल बेलचंदन की मुश्किलें
दुर्ग। जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन ने जबसे भाजपा से इस्तीफा दिये है तबसे उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही। दुर्ग सांसद विजय बघेल के समर्थक प्रीतपाल के बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद भी उनके ऊपर जांच की तलवार लटक रही है दुर्ग कलक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने पंजीयक सहकारी संस्था के आदेश पर दो सदस्यीय टीम का गठन किया है जो प्रीतपाल के कार्यकाल की जांच कर रिपॉर्ट सौपेगी।
उनके कोंग्रेस में शामिल होने की अटकलें भी लगाई जाने लगीं कुछ कारणों से उनका अब तक कोंग्रेस प्रवेश नही हो पाया है लेकिन अब प्रीतपाल की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है राज्य सरकार की पंजीयक सहकारी संस्था इकाई ने प्रीतपाल के खिलाफ उनके अध्यक्षीय कार्यकालो के जांच के आदेश दिए है। आपको बता दे कि प्रीतपाल बेलचंदन 1997 में पहली बार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के संचालक चुनकर आए थे भाजपा के डेढ़ दशक के शासन काल मे 4 बार अध्यक्ष चुने गए थे दरअसल प्रीतपाल के खिलाफ अध्यक्ष पद में रहते हुए करोड़ो के भ्रष्टाचार का आरोप लगा था लेकिन राज्य में बीजेपी की सरकार होने के कारण किन्ही कारणों से जांच नही हो पाई थी। समय समय पर प्रितपाल के खिलाफ मनमानी के आरोप भी लगते रहे सहकारी बैंक में नियमो को ताक पर रखकर सीईओ की नियुक्ति का मामला भी कोर्ट तक जा पहुँचा था।