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खरीफ फसल की अच्छी पैदावार के लिए जैविक खाद की बढ़ी मांग

खरीफ फसल की अच्छी पैदावार के लिए जैविक खाद की बढ़ी मांग
भाटपाल गौठान समिति की महिलाओं ने 65 हज़ार का बेचा जैविक खाद
नारायणपुर – दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश के बाद नारायणपुर जिले के किसान इन दिनों खरीफ फसल बोने की तैयारी में जुट गए हैं। खेतों की जुताई से लेकर खाद-बीज आदि के लिए कृषि कार्यालय से लेकर बाजारों तक आने-जाने की दौड़ में लगे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ सहित
नारायणपुर में भी खरीफ की मुख्य फसल धान की खेती की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य सरकार खरीफ फसल के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। किसानों को इस योजना का लाभ देने के लिए विकासखण्ड से लेकर पंचायत स्तर तक लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। इसमें बीज, कृषि यंत्र और उपादान शामिल है। जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। भाटपाल पंचायत के गौठान में गौठान समिति की महिलाओं द्वारा तैयार जैविक खाद की मांग बढ़ गई है। उन्होंने 90 क्विंटल जैविक खाद बेच कर लगभग 65 हज़ार रुपये की आमदनी की है। जैविक खाद से स्थानीय किसान लाभान्वित हो रहे हैं। 
क्षेत्र के अधिकांश किसानों ने खाद-बीज का भी उठाव कर लिया है। कई खेतों की अकरस जुताई भी हो गई है। कुछ किसानों का कहना है कि मौसम को देखकर धान बुवाई का कार्य मानसून से कुछ दिन पहले कर लिया था। मई के अंतिम सप्ताह में हुई हल्की बारिश के बाद किसानों ने अकरस जुताई का काम शुरू कर दिया है। खेतों में नमी आ जाने से किसाना जुताई के कार्य में जुटे गए थे। कुछ किसान ट्रेक्टर से जुताई कर रहे है। ज्यादातर किसान लेम्पस से धान एव बीज का संग्रह कर चुके हैं। इन दिनों किसान लेम्पस से नकद एवं ऋण से खाद-बीज ले जा रहे है। खेतों की साफ-सफाई और घुरूवा खाद डालने का कार्य समय पर कर लिया था ।
    नारायणपुर ज़िले में खरीफ फसल बोवनी का लक्ष्य करीब 60 हजार हेक्टेयर रक़बा रखा गया है। इसमें सबसे ज्यादा बोवनी धान की 32400, मक्का 9000 हेक्टेयर है। बाकी दलहन, तिलहन और अन्य साग-सब्जी की खेती की जाती है। पिछले वर्ष किसानों ने धान अन्य वर्षों की अपेक्षा ज्यादा ली थी। अन्य फसलें दलहन तिलहन बहुत कम मात्रा में बोई जाती हैं। खरीफ फसल की बोवनी के लिए किसान अभी से खेत तैयार करने में जुटे हैं और गहरी जुताई कर रहे हैं, जिससे नई मिट्टी ऊपर आ जाती है और कीटों का प्रकोप भी कम होता है। साथ ही बीज, खाद की खरीदी भी शुरू कर दी है, जिससे बाद में परेशान न होना पड़े। प्रभारी कृषि अधिकारी श्री पी.डी.मंडावी ने बताया कि खाद-बीज का पर्याप्त भंडारण है। ज़िले के चार लेम्पस नारायणपुर, एडका, बेनूर और छोटेडोंगर से किसानो को धान की अलग-अलग दो किस्म के 1700 क्विंटल धान बीज का वितरण किया गया है। वहीं 1000 मेट्रिक टन खाद किसानों को उपलब्ध कराया गया है। साथ ही गोदाम में खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में रखा हुआ है जो किसान उठाव कर सकते हैं।
    कोरोना वैश्विक महामारी के चलते जहां एक तरफ कहर बरपा है। लॉकडाउन के चलते यही हालात रहेंगे। इन तमाम हालातों से वाकिफ किसान खरीफ फसल की तैयारी करने में लगे है। ताकि वे खरीफ फसल की अच्छी पैदावार कर अपनी आर्थिक स्थित को मजबूत बना सकें। वहीं कोरोना वैश्विक महामारी के जंग में लोगों के लिए अनाज की व्यवस्था भी कर सकें। किसान ही ऐसा वर्ग है जो कि अपनी हानि व लाभ की परवाह किए बगैर आज भी खेतों में इसलिए जुटे है, ताकि देशवासियों को अनाज के लिए किसी अन्य देश का मोहताज ना होना पड़े। इसके लिए किसान न तो अपनी लागत की परवाह कर रहा है और न ही हानि व लाभ की। यहां के किसानों के पास सिंचाई और आधुनिक संसाधन भी उपलब्ध नहीं है फिर भी वह पूरी ऊर्जा व शक्ति के साथ खेती-किसानी में जुटे हुए है। 

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