खरीफ फसल की अच्छी पैदावार तथा अपनी आर्थिक स्थित को मजबूत करने में जुटे किसान

खरीफ फसल की अच्छी पैदावार तथा अपनी आर्थिक स्थित को मजबूत
करने में जुटे किसानसबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-
नारायणपुर – नवतपा के दौरान हुई हल्की बारिश के साथ ही जिले के किसान खरीफ फसल की खेती-किसानी की तैयारी में लग गए है। क्षेत्र के कुछ किसानों ने खाद-बीज का भी उठाव कर लिया है। कई खेतों की अकरस जुताई भी शुरू हो गई है। किसानों का कहना है कि 15 जून के बाद मौसम को देखकर धान बुवाई का कार्य किया जाएगा। नवतपा में हुई हल्की बारिश के बाद किसानों ने अकरस जुताई का काम शुरू कर दिया है। खेतों में नमी आ जाने से किसाना जुताई के कार्य में जुटे है। कुछ किसान ट्रेक्टर से जुताई कर रहे है। ज्यादातर किसान लेम्पस से धान एव बीज का संग्रह कर चुके हैे। इन दिनों किसान लेम्पस से नकद एवं ऋण से खाद-बीज ले जा रहे है। खेतों की साफ-सफाई और घुरूवा खाद डालने का कार्य जोरों पर है।
दक्षिण-पश्चिम मानूसन आने के बाद नारायणपुर ज़िले के किसान खरीफ फसल की बोवनी शुरू कर देते हैं और इसकी तैयारियों में वह अभी से जुट गए हैं। कुछ खेतों की गहरी जुताई होनी शुरू हो गयी है। कोरोना वैश्विक महामारी के चलते जहां एक तरफ कहर बरपा है। लॉकडाउन के चलते यही हालात रहेंगे। इन तमाम हालातों से वाकिफ किसान खरीफ फसल की तैयारी करने में लगे है। ताकि वे खरीफ फसल की अच्छी पैदावार कर अपनी आर्थिक स्थित को मजबूत बना सकें। वहीं कोरोना वैश्विक महामारी के जंग में लोगों के लिए अनाज की व्यवस्था भी कर सकें। किसान ही ऐसा वर्ग है जो कि अपनी हानि व लाभ की परवाह किए बगैर आज भी खेतों में इसलिए जुटे है, ताकि देशवासियों को अनाज के लिए किसी अन्य देश का मोहताज ना होना पड़े। इसके लिए किसान न तो अपनी लागत की परवाह कर रहा है और न ही हानि व लाभ की। यहां के किसानों के पास सिंचाई और आधुनिक संसाधन भी उपलब्ध नहीं है फिर भी वह पूरी ऊर्जा व शक्ति के साथ खेती-किसानी में जुटे हुए है।
नारायणपुर ज़िले में खरीफ फसल बोवनी का लक्ष्य करीब 60 हजार हेक्टेयर रक़बा रखा गया है। इसमें सबसे ज्यादा बोवनी धान की 32400, मक्का 9000 हेक्टेयर है । बाकी दलहन, तिलहन और अन्य साग-सब्जी की जाती है। पिछले वर्ष किसानों ने धान अन्य वर्षों की अपेक्षा ज्यादा ली थी। अन्य फसलें दलहन तिलहन बहुत कम मात्रा में बोई जाती हैं। खरीफ फसल की बोवनी के लिए किसान अभी से खेत तैयार करने में जुटे हैं और गहरी जुताई कर हैं, जिससे नई मिट्टी ऊपर आ जाती है और कीटों का प्रकोप भी कम होता है। साथ ही बीज, खाद की खरीदी भी शुरू कर दी है, जिससे बाद में परेशान न होना पड़े। प्रभारी कृषि अधिकारी श्री पी.डी.मंडावी ने बताया कि खाद-बीज का पर्याप्त भंडारण है। ज़िले के चार लेम्पस नारायणपुर, एडका, बेनूर और छोटेडोंगर से किसानो को धान की अलग-अलग दो किस्म के 402 क्विंटल धान बीज का वितरण किया गया है । वहीं 451 मेट्रिक टन खाद किसानों को उपलब्ध कराया गया है। साथ ही गोदाम में खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में रखा हुआ है जो किसान उठाव कर सकते हैं।
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