स्टेट बैंक सेक्टर-10 शाखा के बैंककर्मी उठा रहे लॉकडाऊन का अनुचित लाभ
अपने ग्राहकों से कर रहे हैं, दुव्र्यवहार और धुमिल कर रहे हैं बैक की छवि
बैंककर्मी और ग्राहकों के बीच दुष्प्रभाव न पड़े, रीजनल मैनेजर से ग्राहकों की अपील
भिलाई। कोरोना वायरस के चलते राष्ट्रीय स्तर पर हुए लॉकडाऊन का अनुचित लाभ कोई उठाए व उठाए किन्तु बैंककर्मी अवश्य उठा रहे हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण सोमवार को लगभग सुबह 11.45 को सेक्टर दस स्थित स्टेट बैंक की शाखा में देखने को मिला। सरकारी बैंक होने के कारण भी बैंककर्मी दुत्कारने से बाज नहीं आते हैं। पासबुक इंट्री कराने और धनराशि जमा कराने के मामले में उनका कहना है कि पासबुक की इंट्री लॉकडाऊन समाप्त होने के बाद ही की जाएगी। एक ग्राहक द्वारा पासबुक इंट्री को अर्जेन्ट बताए जाने के बाद भी स्टेट बैंक शाखा की बैंककर्मी दिव्या किण्डो ने असहयोगात्मक जवाब और लॉकडाऊन का बहाना बनाते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का ज्ञान दे दिया। जबकि उस वक्त बैंक में मामूली दो-तीन ग्राहक ही मौजूद थे। वे चाहती तो बैंकिंग सेवा को बढ़ावा देते लीक से हटकर काम करते हुए अपनी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की छवि को धूमिल होने से बचा सकती थी। वैसे स्टेट बैंक की हर शाखाओं में ग्राहक सेवा को लेकर शिकायतें आती रहती हैं। ग्राहकों ने बताया कि सिविक सेंटर, मरोदा, वैशाली नगर, सुपेला, हास्पिटल सेक्टर, रिसाली आदि शाखाओं में भी यही रवैया है। उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रीजनल मैनेजर से विभिन्न शाखाओं में व्याप्त ग्राहकीय समस्याओं का व्यवहारिक समाधान करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइड लाइन का पालन करने सम्बन्धी दिशा-निर्देश देने की अपील की है ताकि ग्राहक और बैंक कर्मियों के बीच कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के मध्य हुए तनाव का दुष्प्रभाव न पड़े।