छत्तीसगढ़

कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने सर्वेक्षण जांच एवं उपचार तंत्र सक्रिय!

कांकेर सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़विनोद कुमार साहू-कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने
सर्वेक्षण जांच एवं उपचार तंत्र सक्रिय!
नोवल कोरोना वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा वैश्विक स्तर पर एक जन स्वास्थ्य आपातकाल (पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी) घोषित किया गया है, तथा भारत सरकार व राज्य सरकार के द्वारा नोवल कोरोना वायरस के संभावित प्रकोप से निपटने हेतु दिशा-निर्देश जारी किया गया है, जिसे देखते हुये जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा संभावित प्रकोप से निपटने के लिए उचित सर्वेक्षण जांच एवं उपचार तंत्र को पुनः सक्रिय किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.एल उईके ने जानकारी देते हुए बताया कि नोवल कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के उपचार हेतु जिला चिकित्सालय में 01 आईशोलेशन वार्ड की स्थापना की गयी है जिसमें 04 बेड हैं तथा बीमारी से बचाव हेतु जिला चिकित्सालय में सुरक्षा कीट, मास्क, एवं संदिग्ध मरीज के सेम्पल को नजदीकी लैब तक जांच हेतु परिवहन के लिये वी.टी.एम. आदि की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था की गयी है। जिला चिकित्सालय व सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी व अन्य स्वास्थ्य अमले को बीमारी के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया गया है व बीमारी के संबंध में मैदानी स्तर पर जन जागरूकता फैलाने एवं किसी भी प्रकार के चिकित्सकीय आपातकाल से निपटने हेतु जिले के स्वास्थ्य अमले को सजग किया गया है। जिला स्तर व विकासखंड स्तर पर रेपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है, जिसमें चिकित्सा अधिकारी के साथ-साथ पशु चिकित्सा अधिकारी भी सम्मिलित किये गये हैं। नोवेल कोरोना वायरस के संबंधित लक्षण प्राप्त

 

होने पर सूचना तत्काल जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के दूरभाष क्रमांक 07868-224610 एवं जिला सर्वेलेंस अधिकारी डॉ. डी.के.रामटेके के मोबाईल नंबर- 9131784926 में देने हेतु निर्देशित किया गया है। डॉ. उईके ने बताया कि वर्तमान में जिले में नोवल कोरोना वायरस के मरीज नहीं पाये गये है।
नोवेल कोरोना वायरस के संबंध में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. उईके ने कहा कि नोवल कोरोना वायरस एक नया वायरस (विषाणु) है, जो पहली बार चीन की हुबेई प्रांत के वुहान शहर में पाया गया है। इस नोवेल या नया इसलिये कहा गया है कि क्योकि इसकी पहचान पहले कभी नही की गयी थी। अब तक 2019 नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के स्त्रोत की पहचान नहीं की जा सकी है। कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा वंश है जिसमें से कुछ इंसानों को रोगग्रस्त करते है और कुछ पशुओं में घर करते है, विषाणुओं का स्त्रोत पशु हो सकते हैं। 2019 कोरोना वायरस इन्फेकशन का अभी तक कोई उपचार नहीं है। अभी तक इससे संक्रमित लोगों को रोग के लक्षण कम करने के लिये उपचार प्रदाय किया जाता है।
बुखार, खांसी-जुकाम, सांस लेने में परेशानी इत्यादि को नोवल कोरोना वायरस के लक्षण बताते हुए डॉ उईके ने कहा कि अगर इनमें से कोई भी लक्षण हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर चिकित्सकीय अधिकारी से जांच व उपचार करवायें एवं बीमारी के संबंध में किसी भी प्रकार भ्रांति हो तो चिकित्सा अधिकारी से संपर्क करें व बीमारी के संबंध में अपवाह न फैलाये।
नोवल कोरोना वायरस से बचाव के लिए, व्यक्तिगत स्वच्छता, खुद के स्वास्थ्य की निगरानी,, साबुन से बार-बार हाथ धोनें, खांसते व छिकते समय मुंह को ढकनें की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि अस्वस्थ होने पर चिकित्सक की सलाह लिया जावे। यात्रा के दौरान तबियत खराब होने पर जाए तो विमान दल को सूचित करने और मास्क मांग कर पहनने की सलाह भी उनके द्वारा दी गई।

 

 

 

 

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