धर्म
बुध प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
सबका संदेस न्यूज़- साल 2020 का दूसरा प्रदोष व्रत बुधवार को है। इस बार बुधवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार होता है, एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। यह व्रत त्रोयदशी तिथि के दिन किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है।
- नित्य कार्यों से निर्वित होकर स्नान करें।
- स्नान करने के बाद भगवान का ध्यान करें और व्रत का संकल्प करें।
- स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव की पूजा करें।
- पूजा स्थल पर उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए।
- भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें और उन्हें पुष्प अक्षत्, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, गाय का दूध, धूप आदि अर्पित करें।
- ओम नम: शिवाय का जप करें।
- शिव चालीसा और आरती करें।
- पूजा संपूर्ण होने के बाद प्रसाद सभी में बांट दें।
प्रदोष व्रत मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ- 22 जनवरी बुधवार 01 बजकर 44 मिनट
त्रयोेदशी तिथि समाप्त- 23 जनवरी गुरूवार 01 बजकर 48 मिनट
प्रदोष व्रत पूजा समय
- प्रदोष व्रत में शाम की पूजा का विशेष महत्व होता है।
- 22 जनवरी को शाम 05 बजकर 51 मिनट से रात 08 बजकर 32 मिनट तक।
प्रदोष व्रत के लाभ
- इस व्रत के करने से भगवान शिव खुश होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
- भगवान शिव की कृपा से तमाम तरह के कष्टों और दुखों से छुटकारा मिल जाता है।
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