दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए सरकार प्रतिबद्ध : धरमलाल कौशिक। दिव्यांगजन की हिम्मत, प्रतिभा और सफलता को नए भारत की शक्ति : पूजा विधानी। 200 से अधिक दिव्यांगजन सम्मानित, 42 को मिला सहायक उपकरण।

दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए सरकार प्रतिबद्ध : धरमलाल कौशिक। दिव्यांगजन की हिम्मत, प्रतिभा और सफलता को नए भारत की शक्ति : पूजा विधानी। 200 से अधिक दिव्यांगजन सम्मानित, 42 को मिला सहायक उपकरण।
छत्तीसगढ़ बिलासपुर से भूपेंद्र साहू की रिपोर्ट। समाज कल्याण विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय तिफरा में आज दिव्यांगजनों के सम्मान एवं सशक्तिकरण के उद्देश्य से भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।पूर्वविधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक धरमलाल कौशिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। सवेरे से ही प्रतिभावान दिव्यांग बच्चों द्वारा छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। इन प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया। कार्यक्रम में महापौर श्रीमती पूजा विधानी, समाज कल्याण विभाग के संयुक्त संचालक टीपी सिँह उपस्थित रहे I कार्यक्रम में 200 से भी अधिक दिव्यांगजनों को प्रमाण पत्र एवं मैडल वितरित किये। इस अवसर पर जिला पुनर्वास केन्द्र, बिलासपुर द्वारा चिन्हांकित दिव्यांगजनों में मोटराईज्ड ट्रायसायकल 13 नग, ट्रायसायकल 11 नग, व्हीलचेयर 09 नग, बैसाखी 09 नग इस प्रकार कुल 42 दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया।
मुख्य अतिथि की आसंदी से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक ने कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित है। दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है। दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के शिक्षण-प्रशिक्षण, स्वरोजगार एवं सहायक उपकरण वितरण को शासन द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके और सम्मान के साथ जीवन यापन कर सके। उन्होंने कहा कि समाज के ये प्रेरणास्रोत साथी अपने अदम्य साहस, जिजीविषा और आत्मविश्वास से यह संदेश देते हैं कि कोई भी बाधा, संकल्प और आत्मबल के समक्ष छोटी पड़ जाती है। उनका उत्साह और आत्मनिर्भर बनने का संकल्प हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
श्री कौशिक ने कहा. कि ये बच्चे सामान्य से ज्यादा विशिष्ट हैं. इन्हें दया नहीं, बल्कि समाज के मजबूत समर्थन की आवश्यकता हैI यदि दिव्यांग बच्चों को उचित अवसर और दिशा मिले, तो वे अपनी क्षमताओं से समाज को नई दिशा दे सकते हैं. दिव्यांगजन देवताओं के समान हैं, इन्हें ‘वेदांगी’ कहा गया हैI उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों में समावेशिता और समान अवसर सुनिश्चित करना आवश्यक है। दिव्यांगजनों की प्रतिभा, मेहनत और सफलता को पहचानना केवल उनके लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
कार्यक्रम में उपस्थित महापौर श्रीमती पूजा विधानी ने दिव्यांगजनों को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दिव्यांगजन किसी से कम नहीं है। अवसर मिलते ही नई मिसाल कायम करते है। शासन द्वारा उनके कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। इस अवसर पर अधिकारीगण एवं विभागीय शासकीय पूर्व अशासकीय संस्थाओं के अधिकारी, कर्मचारी का सहयोग सराहनीय रहा। दिव्यांगजनों की क्षमताओं को समाज के सामने लाने और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षा और तकनीकी सहायता प्रदान करने से उनके विकास और जीवन में स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ी सोच दिखाई और इनको मुख्यधारा में लाने का सार्थक प्रयास किया। उनके निर्देश पर दिव्यांगजन पेंशन को एक हजार रुपया महीना किया गया और धनराशि सीधा उनके खाते में ट्रांसफर की जा रही है। अब किसी के पास कट लेने का मौका ही नहीं हैंI इस अवसर पर विभागीय अधिकारी गण उपस्थित हुएI




