मरे हुए किसान का खाता चार साल तक चालू। सामने आया तखतपुर सहकारी बैंक का महा घोटाला।

मरे हुए किसान का खाता चार साल तक चालू। सामने आया तखतपुर सहकारी बैंक का महा घोटाला।
छत्तीसगढ़ बिलासपुर से भूपेंद्र साहू की रिपोर्ट। तखतपुर और बिलासपुर के सहकारी बैंकिंग तंत्र को हिला देने वाला एक ऐसा वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसके केंद्र में वह किसान है जिसकी मौत 26 नवंबर 2021 को हो चुकी थी, लेकिन बैंक के दस्तावेजों के मुताबिक उसकी ‘सक्रिय उपस्थिति’ 2023 तक चलती रही। मृतक किसान पदुम राम सतनामी, जो भगत सिंह आजाद नगर, तिफरा (बिलासपुर) का निवासी था, उसका खाता तखतपुर स्थित बेलसरी शाखा में संचालित होता था। परिजनों के अनुसार किसान की मौत की औपचारिक जानकारी तत्काल ही शाखा स्तर पर दे दी गई थी, इसके बावजूद उसका खाता न केवल चालू रखा गया, बल्कि उसमें आने वाली राशि और होने वाली निकासी दोनों बिना किसी व्यवधान के चलते रहे।
मौत के चार दिन बाद निकासी—नियमों का खुला उल्लंघन
सबसे हिला देने वाला तथ्य यह है कि किसान की मौत के मात्र चार दिन बाद, यानी 29 नवंबर 2021 को भी खाते से बड़ी राशि का आहरण किया गया। परिजनों को इस निकासी की न तो कोई जानकारी दी गई, न ही खाते को मृतक खाते के नियमों के तहत बंद किया गया। नियम स्पष्ट हैं कि मृत्यु के बाद किसी भी खाते का संचालन तत्काल बंद होता है, नॉमिनी को भुगतान किया जाता है, या अदालत के उत्तराधिकार आदेश का पालन किया जाता है। लेकिन बेलरी शाखा में ठीक उलटा हुआ—खाता सालों तक चलता रहा और निकासी भी जारी रही।



