IG P.Sundararaj to Naxalites: ‘अब नक्सलियों का कोई नया जनरल नहीं बन पायेगा’.. आईजी सुंदरराज की नसीहत, माओवादी करे सरेंडर वरना..

IG P.Sundararaj to Naxalites: रायपुर: छत्तीसगढ़ पुलिस ने दावा किया है कि 21 मई को अबूझमाड़ के जंगलों में मारे गए माओवादियों के जनरल सेक्रेटरी बसवाराजू के बाद अब संगठन में कोई नया नेता नहीं उभर पाएगा। बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि बचे हुए नक्सली कमांडरों के पास अब सिर्फ दो विकल्प हैं – या तो आत्मसमर्पण करें या फिर बसवाराजू की तरह मारे जाएं।
आईजी सुंदरराज ने बताया, “बसवाराजू माओवादियों का आखिरी जनरल सेक्रेटरी था। नेतृत्व के बिखराव के कारण अब कोई नया नेता नहीं बन पाएगा। हमारी टीमें अन्य बचे हुए नक्सली कमांडरों का पीछा कर रही हैं।”
IG P.Sundararaj to Naxalites: पुलिस अधिकारी ने कहा कि नक्सलियों का मनोबल पूरी तरह टूट चुका है। कई बड़े नक्सली नेता पुलिस से संपर्क कर आत्मसमर्पण करने की इच्छा जता रहे हैं। पिछले 2-3 साल में नक्सलियों ने अपने संसाधनों, शक्ति और कैडर का भारी नुकसान उठाया है।
गौरतलब है कि 21 मई को हुई मुठभेड़ में 27 नक्सली मारे गए थे, जिसमें संगठन का सर्वोच्च नेता बसवाराजू भी शामिल था। पुलिस का मानना है कि अब नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा होना तय है, क्योंकि संगठन के पास कोई प्रभावी नेतृत्व नहीं बचा है।
#WATCH | Narayanpur, Chhattisgarh: “… Maoist organisations are left with no leadership. There is no leadership that can revive the organisation. In the last 2-3 years, they have lost resources, strength, and cadres. All the leadership they have is around 70 years of age. They… pic.twitter.com/ognTnx2l54
— ANI (@ANI) May 23, 2025
सामने आया नक्सलियों का प्रेसनोट
माड़ के जंगलों में मिली बड़ी कामयाबी के बाद दंडकारण्य स्पेशल ज़ोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने एक प्रेस नोट जारी कर स्वीकार किया कि इस मुठभेड़ में उनके 28 साथी मारे गए। प्रेस नोट के अनुसार, पुलिस को 27 नक्सलियों के शव मिले, जबकि एक नक्सली का शव उनके साथी अपने साथ ले गए। इस प्रेस नोट में बसवराजू की मौत को नक्सली संगठन के लिए बड़ा झटका बताया गया। नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और कोंडागांव जिलों की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) और अन्य सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम को खुफिया सूचना मिली थी कि बसवराजू कई वरिष्ठ नक्सली नेताओं के साथ नारायणपुर-बीजापुर-दंतेवाड़ा ट्राई-जंक्शन के अबूझमाड़ जंगल में मौजूद है। इस सूचना के आधार पर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन कगार’ में सुरक्षा बलों ने 50 घंटे से अधिक समय तक चले अभियान में नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया।