छत्तीसगढ़

अमर के खिलाफ FIR कराने पहुंचा युवक, 12 साल से चक्कर काट रहा पूरा परिवार, क्या है पूरा मामला..

अमर के खिलाफ FIR कराने पहुंचा युवक, 12 साल से चक्कर काट रहा पूरा परिवार, क्या है पूरा मामला..

छत्तीसगढ़ बिलासपुर भूपेंद्र साहू ब्यूरो रिपोर्ट
बिलासपुर विधानसभा। आवास नही मिलने से परेशान युवक मंगलवार को अमर अग्रवाल के खिलाफ FIR कराने सिविल लाइन पहुंच गया। युवक और उसका परिवार पिछले 12 साल से आवास के लिए भटक रहे है। अमर अग्रवाल के घर जाते है तो बाहर से ही भगा दिया जाता है।
जी हां मामला सिविल लाइन थाने का है। मंगलवार को सिविल लाइन थाने में रोज की तरह कामकाज चल रहा था। थाने में कोई रिपोर्ट लिख रहा था तो कोई बयान दर्ज करा रहा था। थाना प्रभारी अपने चेंबर में बैठक ले रहे थे। तभी एक युवक ASI के सामने आकर खड़ा हुआ। ASI ने अपने पुलिसिया अंदाज में युवक से पूछा कैसे आए हो ? तो राकेश निर्मलकर नामक युवक ने अपने हाथ में रखे कागज को दिखाते हुए कहा अमर अग्रवाल के खिलाफ रिपोर्ट लिखाना है। इतना सुनते ही ASI का दिमाग चकरा गया। उसने पूछा… क्या ? लड़के ने फिर कहा विधायक अमर अग्रवाल के खिलाफ रिपोर्ट लिखना है। ASI का दिमाग हवा होते देख Democrecy.in ने लड़के से पूछा क्या हुआ ? फिर लड़के ने अपनी आप बीती बताना शुरू किया। बताया की आवास के लिए 2012 मे उनकी विधवा मां कौशल्या मानिकपुरी ने पंजीयन कराया था, लेकिन आज तक नही मिला है। जबकि इसके पहले के पार्षद सैयद निहाल को 3 हजार रुपए दे चुके है। पार्षद अशोक विधानी के ऑफिस में भी मैं कई साल काम कर चुका हूं। विधानी को बोलता हूं तो कहते है मिल जाएगा, चिंता मत कर… लेकिन कब मिलेगा ? पंजीयन कराने के बाद 12 साल से घूम ही तो रहा हूं। लेकिन आवास नही मिल रहा है। विधायक अमर अग्रवाल के घर जाते हैं तो बंगले से बाहर भागे देते है। कभी कहते वृंदावन गए है… कभी कहते है बीमार है… कभी कहते है दिल्ली गए है…। लेकिन मुझे आवास कब मिलेगा कोई नही बताता। यूवक का कहना है कि विधानसभा चुनाव में अमर अग्रवाल ने कहा था कि सरकार बनने के बाद सबसे पहले गरीबों को आवास दिलाएंगे। लेकिन नहीं मिल रहा है। मेरी विधवा मां 12 साल से चक्कर काट रही है। इसीलिए मैं अमर अग्रवाल के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने आया हूं। फिलहाल थाने में लड़के की शिकायत तो नही लिखी गई लेकिन उसके सामने आवास की समस्या अभी भी खड़ी हुई है। एक सवाल ये भी उठ रहा है जब पंजीयन 2012 में हुआ था तो परिवार को अभी तक आवास क्यों नहीं मिला ? यदि उसका आवास आ गया है तो वो कहां गया ? क्या नगर निगम के अधिकारियों ने उसका आवास किसी और को बेच दिया ? क्योंकि नगर निगम में आवास बेचने का मामला पहले भी कई बार उठ चुका है।

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