छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ का विधानसभा चुनाव सिर्फ छत्तीसगढ़ की राजनीति को प्रभावित नहीं करेगा, पूरे देश की राजनीति को प्रभावित करेगा और केंद्र की राजनीति छत्तीसगढ़ की राजनीति से सबसे अधिक प्रभावित होगी क्योंकि यहां छत्तीसगढ़ में अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी सभी 90 विधानसभा सीटों में अपना प्रत्याशी उतार रही है और पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा कर रही है। देश की सबसे बड़ी पार्टी कहे जाने वाली भाजपा-कांग्रेस के पांव फूलने लगे हैं क्योंकि उनको छत्तीसगढ़ में हार का डर ही नहीं, आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भी हार का डर सता रही है। यह डर छत्तीसगढ़ एवं देश की जनता को आसानी से समझ में आ रहा है क्योंकि इन दोनों पार्टियों ने अब तक न तो अपने सभी प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है, न ही अपने घोषणा पत्र को जारी किया है। अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी से भाजपा-कांग्रेस को डरना लाजमी है क्योंकि अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी के पास ऐसे मुद्दे हैं, जिसके दम पर छत्तीसगढ़ में तो अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी ऑटो रिक्शा की सरकार तो बनेगी ही बनेगी। इसके साथ ही केंद्र में अर्थात लोकसभा में भी अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी की सरकार बनना तय है। छत्तीसगढ़ में अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी ऑटो रिक्शा की सरकार बनेगी तो देश की राजनीति में एक भूचाल उठेगा और यही भूचाल भाजपा-कांग्रेस की राजनीति को देश से उखाड़ फेंकेगी। जिसका डर भाजपा-कांग्रेस को अभी से सता रही है और उनके नींद उड़ चुके हैं। इसीलिए भाजपा-कांग्रेस छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को आज तक का सबसे बड़ा चुनाव चैलेंज मान रही है। इसे जनता बहुत आसानी से समझ सकती है क्योंकि भाजपा और कांग्रेस के सभी बड़े-बड़े दिग्गज राजनेता मिजोरम, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना को छोड़कर सिर्फ छत्तीसगढ़ का ही दौरा कर रहे हैं जबकि उक्त चार राज्यों में भी चुनाव है और छत्तीसगढ़ से बड़े राज्य राजस्थान, मध्यप्रदेश हैं। भाजपा-कांग्रेस द्वारा अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा और अपने घोषणा पत्र को जारी नहीं करने का दूसरा प्रमुख कारण है कि भाजपा कांग्रेस से जिन प्रत्याशियों को टिकट नहीं मिलने पर वह कहीं न कहीं अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी में शामिल न हो जाए और भाजपा-कांग्रेस की हार का कारण न बन जाए। क्योंकि हर कोई उगते हुए सूरज को नमस्कार करता है, डूबते हुए सूरज को नहीं और अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी एक उगता हुआ सूरज की तरह पूरे देश में चमक रहा है, जो कहीं न कहीं राजनीतिज्ञों को प्रभावित कर रहा है क्योंकि अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी का विचारधारा देशहित और जनहित के लिए सबसे अच्छा एवं वर्तमान स्थिति में सर्वोत्तम है। राजनीति को बेहतर तरीके से समझने वाले विचारक यह समझ चुके हैं कि सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही भाजपा-कांग्रेस के बड़े राजनेताओं का दौरा अधिकांशतः छत्तीसगढ़ में ही हो रहा है। इसके साथ ही भाजपा द्वारा लगभग 220 राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का कमान सौंपना, प्रधानमंत्री मोदी जी का छत्तीसगढ़ दौरा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे जी, राहुल गांधी जी का लगातार छत्तीसगढ़ दौरा, प्रत्याशियों के नाम की घोषणा न करना, घोषणा पत्र को जारी न करना, यह सब स्पष्ट कारण दर्शाता है कि अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी का डर भाजपा-कांग्रेस को कितना है? अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विनोद पटेल ने मीडिया में बयान जारी कर देश की राजनीति में हलचल पैदा कर दिए हैं एवं छुपे हुए तथ्यों को जनता के सामने उजागर कर भाजपा-कांग्रेस की कमजोरियों को खोलकर रख दिए हैं। कहीं ऐसा न हो कि अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी को हराने के लिए भाजपा-कांग्रेस इंटरनल गठबंधन कर लें। अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विनोद पटेल का स्पष्ट दावा है कि भाजपा-कांग्रेस इंटरनल गठबंधन कर लेंगे, इसके बावजूद भी अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी ऑटो रिक्शा को हराना नामुमकिन है। विनोद पटेल राष्ट्रीय अध्यक्ष अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी

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