छत्तीसगढ़

लापरवाही- वन विभाग ने डेढ़ साल पहले कराया काम पर मजदूरों को नहीं किया भुगतान

*लापरवाही- वन विभाग ने डेढ़ साल पहले कराया काम पर मजदूरों को नहीं किया भुगतान*

 

*मड़ेली-छुरा/* वन विभाग द्वारा मजदूरों से कराए कार्य की मजदूरी का भुगतान डेढ़ वर्ष बाद भी नहीं हुआ। द्वितीय वर्ष 2020-21 में छिन्द उन्मूलन, साफ सफाई, खरपतवार कार्य मड़ेली के वन भूमि कक्ष क्रमांक 91-92 में आठ मजदूरों के द्वारा दस-दस दिन कार्य किया गया है। काम करवाने वाले बीड गार्ड अजय चेलक है। जिसमें कार्य करने वाले क्रमशः – ठाकुर राम कुर्रे पिता कुंज लाल, भारत राम ओगरे पिता मंशा राम, हेमलाल पिता मधुराम, हेमकुमार पिता मधुराम, मधुराम पिता सिबोराम, भगवान दास पिता लखन लाल, कुंजलाल पिता सुनहरे, नोहर पिता देवी सिंग आदि मजदूर छिन्द उन्मूलन, साफ सफाई कार्य की मजदूरी के लिए वनांचल में बसे मजदूरों को बीते डेढ़ साल से वन विभाग का चक्कर काटना पड़ रहा है।कुछ दिन पहले जल्द भुगतान का आश्वासन देकर वन विभाग के अधिकारियों ने वापस लौटा दिया। लेकिन मजबूर मजदूर मेहनत की राशि लेने बार बार वन विभाग के कार्यालय पहुंच रहे हैं। और अधिकारियों के सामने मजदूरी की गुहार लगा रहे हैं। मजदूरों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खेती किसानी कार्य के लिए रुपयों की जरूरत है। छुरा तहसील में वन विभाग के पाण्डुका मण्डल वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम मड़ेली के कक्ष क्रमांक 91-92 में वन सुरक्षा समिति मड़ेली के उपाध्यक्ष ईश्वर निर्मलकर ने बताया कि छिन्द उन्मूलन,साफ सफाई कार्य करने के बाद अब तक मजदूरों के मजदूरी का भुगतान वन विभाग नहीं कर रहा है। उपाध्यक्ष ने बताया कि उस दौर के वनरक्षक, डिप्टी रेंजर, सभी का स्थानांतरण हो चुका है। नवपदस्थ वनरक्षक, डिप्टी रेंजर को पूछने पर संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। श्रमिकों ने मजदूरी भुगतान की मांग की है। मड़ेली के वनरक्षक गुलशन यादव ने बताया कि मजदूरी भुगतान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह मेरे यहां आने के पहले का मामला है। डिप्टी रेंजर का कहना है कि वे ,सात माह पूर्व ही पदस्थ हुआ हूं। इस कारण जानकारी नहीं है। पाण्डुका वन विभाग में पदस्थ रेंजर से चर्चा करने की बात कही।
अब इन मजदूरों का कहना है कि मजदूरी के भुगतान के लिए कलेक्ट्रेट जाकर गुहार लगाएंगे । कलेक्टर गरियाबंद जाने की पुरी तैयारी कर ली गई है।

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