चरोदा में नशीली दवाईयों के अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं नशे के आदी युवक की खुदकुशी ने खोली पोल

भिलाई। भिलाई,भिलाईतीन और चरोदा के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों नशीली दवाईयों का कारोबार बड़े ही धड़ल्ले के साथ किया जा रहा है, जबकि भिलाई के कई मेडिकल दुकानों के साथ ही कई स्थानों पर पुलिस अभी कुछ दिन पहले ही नशीली दवाईयों का जखीरा पकड़ा था। पुलिस द्वारा नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने लगातार कार्यवाही नही करने के कारण कुछ दिनों तक शांत रहने के बाद फिर से नशे के सौदागरों द्वारा जमकर नशीली दवाईयों का कारोबार धड़ल्ले से शुरू कर दिया जाता है। शहरी क्षेत्र के साथ ही इसक ेआस पास के क्षेत्रों में नशे के सौदागरों द्वारा नशील दवाईयों को खपाना अधिक सुरक्षित समझते हुए
आजकल इनका ध्यान इन क्षेत्रों में अधिक रहने लगा है, इसके लिए नशे के सौदागरों द्वारा स्थानीय बेरोजगार युवाओं को झांसा में लेकर उनको अधिक कमीशन का लालच देकर एक ओर जहां बेरोजगार युवाओं को इस धंधे में लगाकार उनके कैरियर को चौपट तो कर ही रहे है, इसके साथ ही इन स्थानीय युवाओं की मदद से गली मोहल्ले में पहले युवाओं को नशे का आदि बनाकर उसके बाद उनको मुंहमांगे दामों पर नशे की दवाईयों की सप्लाई करते है, नशे के आदि बनने के कारण अब भिलाई के आस पास के क्षेत्र भिलाई तीन, रेल नगरी चरोदा के युवा रूपये पैसे नही रहने के कारण कर्ज लेने लेकर नशीली दवाईयां खरीद कर उसका सेवन कर रहे है और कर्ज भी नही पटा पा रहे है।
शराब सहित नशीले दवाई का सेवन के आदी युवक की खुदकुशी ने इस बात का सबूत दे दिया है कि नशे की हालत में युवक अब आत्मघाती कदम उठाने लगे है। इसका जीता जागता उदाहरण है किे रेलकर्मी पिता से उसके बुढ़ापे का एकलौता सहारा छीन गया है। उसका पुत्र नशे के कारण डिप्रेशन में आकर अपने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। इस मामले में जीआरपी ने मर्ग कायम कर मामले को विवेचना में ले लिया है।
ज्ञातव्य हो कि चरोदा रेलवे कालोनी जोन-2 निवासी अमित कुमार तिवारी पिता किशोर तिवारी (28 वर्ष) ने मंगलवार की रात को घर पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। इस बात की भनक बाजू वाले कमरे में टीवी देख रहे अमित के पिता किशोर तिवारी तक को नहीं लगी। जानकारी लगने पर पड़ोसियों ने जीआरपी चौकी को सूचना दी। जिसके बाद फंदे से शव को उतारकर पंचनामा कार्यवाही के बाद पोस्ट मार्टम हेतु भेजा गया। अमित के पिता रेलवे में सेवारत हैं। अमित जब तीन महीने का था तभी उसकी मां घर छोड़कर चली गई थी। इसके बाद बेटे की परवरिश अच्छे से करने के उद्देश्य से किशोर तिवारी ने दूसरी शादी नहीं किया। लेकिन आज उसी बेटे के खुदकुशी कर लेने से किशोर तिवारी को गहरा झटका लगा है।
बताया जा रहा है कि अमित कुमार तिवारी शराब और नशीली दवाई के सेवन का आदी था। मंगलवार को भी उसने नशा किया हुआ था। इस लिहाज से नशे की वजह से डिप्रेशन में आकर उसके द्वारा खुदकुशी जैसा कदम उठाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है। सवाल उठता है कि अमित अगर नशीली दवाईयों का सेवन नशे के लिए करता था तो उसे वह मिलता कहां से था। इस बात का जवाब तलाशने आसपास के लोगों से चर्चा की गई तो चौंकाने वाली बात सामने आई है।
जनचर्चा को माने तो लंबे समय से चरोदा रेलवे कालोनी सहित दादर रोड व काली मंदिर रोड पर नशीली दवाईयों के सौदागर एक्टिवा जैसे दुपहिया वाहन में आकर नशीली दवाईयां खपाते हैं। इन दवाईयों की आपूर्ति रायपुर, दुर्ग और सुपेला क्षेत्र से होने की बात कही जा रही है। नशे के सौदागर अपने इस अवैध कारोबार में स्थानीय युवाओं की भी मदद लेते हैं। दवाईयां खपाने के बदले में स्थानीय युवाओं को कमीशन के रूप में अच्छी खासी रकम मिलती है। नशे के आदी हो जाने वालों को सप्लायर की भूमिका निभाने वाले मुंहमांगी कीमत वसूलकर दवाई उपलब्ध कराते हैं। इसके चलते नशे के आदी हो चुके बेरोजगार युवाओं में कर्ज लेने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। समय पर कर्ज की रकम वापस नहीं कर पाने की स्थिति में तनाव बढऩा स्वाभाविक है। ऐसे में खुदकुशी जैसा कदम उठाने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं नजर आता।