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जन समस्या निवारण शिविर नहीं सरकारी पिकनिक कार्यक्रम कहिये – प्रशांत

जांजगीर. “छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाये जा रहे जन समस्या निवारण शिविर में जिस प्रकार की अव्यवस्था है ,उसे देखते हुए इसे सरकारी पिकनिक कर्यक्रम कहना ज्यादा ठीक रहेगा। “

उक्त प्रतिक्रिया भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य प्रशांत सिंह ठाकुर ने दी। उन्होंने आगे कहा कि जनता का इस सरकार से भरोसा टूट चुका है, यही कारण है कि लोगों ने जन समस्या निवारण शिविर से दूरी बना ली है। कहीं इक्के-दुक्के लोग पहुंच भी गए तो उपस्थित कर्मचारी उनके आवेदन पर खानापूर्ति ही करते हैं।आवेदन का एक विभाग से दूसरे विभाग को स्थानांतरण ही शिविर का एक मात्र उद्देश्य रह गया है। ऐसे में शिकायत -आवेदन मानो पेंडुलम बन झूलते रहता है।

जांजगीर-चाम्पा जिले की बात करें तो यहां नगरीय क्षेत्रों में लोगों ने शिविर का लगभग बहिष्कार ही कर दिया। वहीं ग्रामीण इलाकों में विभागीय अधिकारी-कर्मचारी ही गायब हैं। कुछ स्थानों पर आवेदन नहीं आने के कारण कृत्रिम शिकायतें भी अधिकारियों के द्वारा दर्ज कराए जाने की जानकारी मिली है। मीडिया संस्थानों के द्वारा लगातार इस सम्बन्ध में जानकारी मुहैया कराए जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

जिनके लिए शिविर का आयोजन किया जा रहा उनका शासन-प्रशासन पर अविश्वास और अधिकारियों की उदासीनता ने इस कार्यक्रम को मानो समय काटने का माध्यम बना दिया है। ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि इस शिविर का औचित्य सरकारी पिकनिक कार्यक्रम से ज्यादा कुछ नहीं है ।

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