मिडिल स्कूल हथमुड़ी में विदाई समारोह संपन्न
।। मिडिल स्कूल हथमुड़ी में विदाई समारोह संपन्न ।।
।। कुंडा न्यूज़ ।।
।। समीपस्थ शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला हथमुड़ी संकुल केंद्र पेंड्रीकला में विगत दिनों प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी परंपरा के प्रतिपालन में शाला में अध्ययनरत कक्षा आठवीं के छात्र छात्राओं को कक्षा छठवीं सातवीं के छात्राओं ने भावभीनी विदाई दी इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि खंड स्रोत समन्वयक राकेश चंद्रवंशी विशिष्ट अतिथि बलदाऊ चंद्राकर प्रधान पाठक मिडिल स्कूल बसनी रहे, साथ ही श्रीमती निर्मला साहू प्रधान पाठक प्राथमिक विभाग हथमुड़ी विशिष्ट अतिथि के रूप में रही, कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती तुलेश्वरी चंद्राकर एवं श्रीमती संगीता शर्मा उपस्थित रहे विदाई समारोह का आयोजन शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला हथमुड़ी के नव पदस्थ प्रधान पाठिका श्रीमती स्मृति द्विवेदी के द्वारा सुव्यवस्थित रुप से किया गया था साथ ही उनके द्वारा मुख्य व विशिष्ट अतिथियों एवं अन्य अतिथियों के लिए उपहार एवं स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई थी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खंड स्रोत समन्वयक चंद्रवंशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि विदाई समारोह मे हम अपने से बड़ों के सभ्यता एवं संस्कार को सीख कर उन्हें अपने जीवन में आत्मसात करें एवं बुराइयों को छोड़ें विदाई समारोह एक परंपरा है जीवन में मिलना बिछड़ना जीवन का अंग है। विशिष्ट अतिथि के आसंदी पर रहे माध्यमिक विभाग बसनी प्रधान पाठक बलदाऊ चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि विदाई को हम अंग्रेजी में फेयरवेल कहते हैं जिसका अर्थ होता है फेयर मायने सफर वेल मायने अच्छा अर्थात फेयरवेल मायने अच्छी यात्रा हम अपने जीवन के हर पड़ाव में अच्छी यात्रा करते रहे अच्छे मित्रों को जोड़ते रहे अच्छे आचरणों को अपने व्यवहार में समाहित करते रहे और अपने निश्चित लक्ष्य प्राप्ति की ओर जीवन यात्रा भी करते रहे विदाई समारोह में छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रदर्शन भी किया जो बहुत ही सराहनीय रहा प्रधान पाठिका श्रीमती स्मृति द्विवेदी बहुत ही कम समय में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला हथमुड़ी को एक नए रंग रूप देने में लगन से जुटी हुई है यह पहला विदाई समारोह है जिसे बहुत ही खूबसूरती के साथ संपन्न कराया गया कार्यक्रम में शासकीय प्राथमिक शाला हथमुड़ी के खेमलाल साहू एवं अन्य साथी गण सम्मिलित रहे कार्यक्रम का संचालन माध्यमिक विभाग से देवेश वैष्णव ने किया।।