छत्तीसगढ़

तहसील मुख्यालय से ठीक 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सलका गांव के लोग धुएं एवं धूल के गुबार के बीच जीने को मजबूर हैं The people of Village Panchayat Salka village, exactly 15 km from the Tehsil headquarters, are forced to live amidst a cloud of smoke and dust.

श्री कांत जायसवाल कोरिया

बैकुठपुर/तहसील मुख्यालय से ठीक 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सलका गांव के लोग धुएं एवं धूल के गुबार के बीच जीने को मजबूर हैं। लालच की भेंट चढ़ रहे आबादी वाले गांव के पास स्थित गिट्टी क्रेशर की धूल से लोगों का दम घुट रहा है। गांव में अस्थमा सहित सांस संबंधी बीमारियां फैल रही हैं। प्रदूषण का असर सैकड़ों मवेशियों पर भी पड़ रहा है।
सलका गांव में क्रेशर संचालित हैं जिसके संचालक के द्वारा मानक नियमो का खुला उलंघन किया जा रहा है उनके क्रेशर प्लांटो से निकलने वाले धूल कण और धुएं से घर-घर में लोग बीमार हो रहे हैं। ग्रामीणों के चेहरे पर झुर्रियां उभरने, श्वास की बीमारियां फैलने के लक्षण दिख रहे हैं।
गांव के पास में संचालित क्रेशर से दिनभर धुआं उगलने से लोगों का सांस लेना दुश्वार हो गया है। ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत करवाया, लेकिन किसी के द्वारा ग्रामीणों की सुध नहीं ली जा रही है। ये ग्रामीण कह रहे हैं।
क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि संचालित क्रेशर के कारण श्वास लेने में परेशानी होने लगी है। ग्रामीणों के घरों में पशुओं को भी परेशानी हो रही है क्योंकि घास पर धुल के कण चिपके रहते हैं, जिससे पशुओं में भी बिमारी होने लगी हैं।

 


ग्रामीणो का कहना है कि क्रेशर लगातार धुआं उगलता है। पत्थर की धूल सभी के लिए खतरनाक है। गांव में कोई निरीक्षण के लिए नहीं आता है। प्रदूषण से श्वास लेने में दिक्कत होने लगी है। बताया कि सतही एवं भूमिगत जल दोनों दूषित हो रहे हैं। क्रेशर में मानक नियम के पालन नही होने के कारण लोगों की सेहत खराब हो रही है।

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