आरटीओं और ट्राफिक पुलिस ने शिविर लगाकर की स्कूली बसों की जांच
358 बसों में 61 बसों में मिली कई प्रकार की खामियां
भिलाई। स्कूली छात्र छात्राओं के सुरक्षित परिवहन को ध्यान में रखकर यातायात पुलिस दुर्ग द्वारा पुलिस अधीक्षक प्रखर पांडे के पर रविवार को जयंती स्टेडियम भिलाई में स्कूल बस जांच शिविर का आयोजन किया था। जिसमें जिले के 51 स्कूलों के छात्र छात्राओं में परिवहन करने वाले 358 बसों एवं अन्य वाहनों का जांच किया गया। जिसमें 61 बसो में डिफेक्ट पाया गया। जिसमें से 30 बसों का परिवहन विभाग दुर्ग द्वारा चालान काटकर 25400 रूपये जुर्माना वसूल किया गया तथा शेष 31 बसो के मालिक और चालक को वाहन मे पाये गये कमी को 07 दिनों के भीतर पूर्ण कर 07 जुलाई को होने वाले शिविर में चेक कराने हेतु निर्देशित किया गया। यातायात पुलिस द्वारा बसों की अधिक संख्या आने के अनुमान से किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए पूर्व में 20 अधिकारियों की अलग-अलग टीम बनाकर प्रशिक्षण दिया गया था। जो प्रात: 8 बजे से बस जांच शिविर स्थल जयंती स्टेडियम में पहुंच गये थे प्रत्येक टीम में 01 अधिकारी, 01 प्रधान आरक्षक, 01 आरक्षक, 01 परिवहन विभाग का स्टॉफ, 01 मेकेनिक थे।
आरटीओं और यातायात पुलिस ने वाहन एवं वाहन चालकों का रजिस्ट्रेशन
कर बसों के रजिस्टे्रेशन, परमिट, फिटनेस,बीमा,पीयूसी, चालक/परिचालक का लायसेंस एव परिचय पत्रक एवं मेकेनिक के द्वारा वाहनो जांच में बसों में लगे हेड लाईट, ब्रेक लाईट , पार्किग लाईट, इन्डीकेटर लाईट, बैक लाईट, रिफलेक्टीव, स्टेरिंग, बे्रक, शीट, टायर , फ्लोर की जांच की गई।
इसके अलावा यातायात अधिकारियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के गाईड लाईन अनुसार
स्कूल बस के आगे पीछे स्कूल बस लिखे होने, स्कूल बस पीले रंग, अधिकृत वाहन है तो उसमें ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना, फस्ट एण्ड बाक्स, खिडकी में सुरक्षा जाली, अग्निशमन यंत्र, दरवाजे में विश्वसनीय ताले, स्कूल का नाम व टेलीफोन नंबर निर्धारित स्थान पर प्रदर्श करे, स्कूल बैग रखने हेतु सुरक्षित व्यवस्था, परिचारिका, आपातकालीन दरवाजा, स्पीड गवर्नर 13-सीसीटीवी कैमरा की विशेष तौर से चेकिंग की गई।
जांच शिविर में नियम संबंधी जरूरी विडियो क्लीप दिखाया गया जिसमें वाहन चलाते समय किन किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जरूरी जानकारी दी गई।
, अग्नि शमन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा आपातकालीन की स्थिति में अग्नि शमन यंत्र का प्रयोग करना सिखाया गया, परिचारिका को बच्चों उतारने चढाने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।