विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के अवसर में राज्य स्तरीय वेबीनार का आयोजन
दुर्ग। विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर आम-जन में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के द्वारा राज्य स्तरीय आयोजन किया गया। अभिलाषा आनंद एवं रुपेश राठौड़ राज्य सलाहकार स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने कार्यक्रम में प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के समस्त जिलों के अमलों के साथ विश्व मासिक धर्म विषय पर कार्य कर रहे स्वछाग्राही स्व-सहायता समूह को सम्मिलित किया गया। दुर्ग में कुल 190 स्वछाग्राही स्व-सहायता समूह के द्वारा विश्व मासिक धर्म विषय पर कार्य किया जा रहा है जिसमें दो स्व-सहायता समूहों को अपने अनुभवों को साँझा करने के लिए आमंत्रित किया गया। जिसमें लक्ष्मी स्व-सहायता समूह, अध्यक्ष-श्रीमती सुशीला ठाकुर, ग्राम पंचायत पुरई, जनपद पंचायत दुर्ग और महिला कमांडो समिति अध्यक्ष श्रीमती प्रमिला सांगडे, ग्राम तरीर्घाट जनपद पंचायत पाटन ने सम्मिलित होकर अपना अनुभव साझा किया। श्रीमती शीतला ठाकुर ने बताया कि उनका समूह विगत 2 वर्षों से कार्य कर रहा है। अपने ग्राम के साथ-साथ 10 से 15 ग्राम पंचायतों में विश्व मासिक धर्म हेतु स्व-सहायता समूह को प्रशिक्षण देकर जागरूक बना रही है। गांव में किशोरी बालिकाओं को नि: शुल्क सेनेटरी पैड का वितरण किया जा रहा है । अब तक 50 हजार से ज्यादा के सेनेटरी पैड का वितरण समूहों में किया जा चुका है। उनका स्व-सहायता समूह स्वच्छता पुरस्कार अंतर्गत जिले में प्रथम और राज्य में दूसरे स्थान से सम्मानित हो चुका है।
श्रीमती प्रमिला सांगड़े द्वारा जानकारी दी गई कि उनकी समिति विगत 4 वर्षों से कार्य कर रही है। जिसमें अपने ग्राम के साथ-साथ आस-पास के 10-15 ग्राम पंचायतों में विश्व मासिक धर्म स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षण कर जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रारंभ में महामारी विषय बात करने पर महिलाएं शर्म महसूस करती थी। नियमित घर-घर संपर्क कर चैपाल बैठक एवं प्रशिक्षण के द्वारा किशोरी बालिका एवं महिलाओं के उन्मुखीकरण का कार्य किया गया। वर्तमान में महिला एवं पुरूष दोनों इस विषय पर खुलकर बात करते हैं। पालक स्वयं अपने बच्चों से इस विषय पर चर्चा करते हैं और डॉक्टर की सलाह लेने साथ जाते हैं। शाला में किशोरी बालिका एवं आंगनबाड़ी में गर्भवती महिलाओं द्वारा सेनेटरी पेड का उपयोग किया जा रहा है। महिलाओं एवं बालिकाओं द्वारा ग्राम में शत-प्रतिशत सेनेटरी पेड का उपयोग किया जा रहा है। समूह द्वारा अब तक 2 लाख सेनेटरी पेडों का विक्रय किया जा चुका है। इससे समूह की महिलाओं को आर्थिक गतिविधि प्राप्त हुई है। उनका ग्राम विश्व मासिक धर्म मुक्त ग्राम घोषित किया गया है।
कार्यक्रम में यूनिसेफ एवं वाटरएड संस्था के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। ग्राम पंचायतों से स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत कार्यरत स्वच्छाग्राही स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा प्रतिभाग लिया गया।