दस हजार से अधिक लोगों को सौ दिन से ऊपर मनरेगा रोजगार देने का बना रिकॉर्ड, Record made to give employment to MNREGA above 100 days to more than ten thousand people

पहली बार मिली ऐतिहासिक उपलब्धि, इससे पहले लगभग 5 हजार से अधिक लोग ही कर पाते थे इतने दिन का काम
दुर्ग / 11 मार्च 2021/जिले में 10 हजार से अधिक ग्रामीणों ने 100 दिनों के रोजगार की सीमा प्राप्त कर ली है। 11 मार्च को जारी आंकड़े के मुताबिक 10176 लोगों ने 100 दिनों का मनरेगा रोजगार प्राप्त कर लिया है। इस वर्ष 91 हजार लोगों ने मनरेगा के माध्यम से रोजगार प्राप्त किया। इसके पिछले साल 73 हजार लोगों ने मनरेगा के माध्यम से रोजगार प्राप्त किया था। पिछले वर्षों में लगभग 5 हजार लोग ही 100 दिनों का मनरेगा रोजगार कर पाते थे इस बार लॉकडाउन की वजह से मनरेगा के माध्यम से राज्य शासन ने कार्य जारी रखे जिससे बड़ी संख्या में कोरोना काल में भी लोगों को रोजगार मिल सका एवं ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगी रचनाएं तैयार हो सकी। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के मार्गदर्शन में ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के गुणवत्ता पूर्वक एवं उपयोगिता मूलक कार्य आरंभ कराए गए थे। इनमें बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला। कोरोना काल में भी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार मनरेगा कार्य चलते रहे। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ और सैनिटाइजेशन का पूरा ध्यान रखते हुए कार्य किए गए। दूसरे राज्य से आए छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को भी मनरेगा में रोजगार मिला जिससे उन्हें कोरोना काल में भी संबल मिल सका। सीईओ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा जोर जल संरक्षण के कार्यों पर दिया गया है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की योजना नरवा गरवा घुरवा बाड़ी के माध्यम से नालों के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। दुर्ग जिले में अनेक नालों का जीर्णोद्धार, डिसिल्टिंग आदि का कार्य मनरेगा के माध्यम से कराया गया है। मनरेगा के माध्यम से धान चबूतरा, चारागाह विकास, मछली तालाब निर्माण आदि कार्य भी कराए गए हैं। इस तरह से लाइवलीहुड गतिविधियां तेजी से जिले में बढ़ी हैं। सीईओ ने बताया कि मनरेगा के माध्यम से जल संरक्षण के ऐसे ठोस कार्य किए गए हैं जिनका असर आने वाले वर्षों में भू-जल संवर्धन के रूप में नजर आएगा और इससे कृषि विकास की विशेष वृद्धि की संभावनाएं बनेंगी। सीईओ ने बताया कि मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण विकास के ऐसे कार्य कराए गए हैं जिनके माध्यम से किसानों की आय की वृद्धि की संभावनाएं भी बढ़ी हैं। उन्होंने बताया कि 49 लाख 51 हजार श्रम दिवस सृजित किए गए हैं जो रिकॉर्ड है। उल्लेखनीय है कि यह आंकड़े अभी 11 मार्च के हैं, 31 मार्च तक इन आंकड़ों में और भी वृद्धि होगी।